प्रेगनेंसी टेस्ट करने के दौरान ध्यान रखें इन ख़ास बातों का, वरना आ सकता है गलत परिणाम
आज के इस समय में साइंस ने काफी तरक्की कर ली है. हर चीज़ को चेक करने के लिए अब उपकरण बनाए जा चुके हैं. ऐसे में अगर किसी महिला के मासिक धर्म मिस हो जाते हैं तो उसके दिमाग में सबसे पहला डर उसके गर्भवती होने का आता है. तो इस स्तिथि में आज के इस नये दौर में प्रेगनेंसी टेस्ट घर बैठे बैठे ही संभव हो गया है. इसके लिए अब किसी भी महिला को अल्ट्रासाउंड से नहीं गुजरना पड़ता. बल्कि, एक प्रेगनेंसी टेस्ट किट ही उनके लिए काफी है.
आजकल मार्किट में कई प्रकार की प्रेगनेंसी टेस्ट किट उपलब्ध हैं. ऐसे में आप केवल कुछ ही मिनटों में अपने गर्भवती होने का पता लगा सकती हैं. परंतु, आपको ये जानकर हैरानी होगी कि ये प्रेगनेंसी टेस्ट हर बार सही रिजल्ट नहीं देते. कईं बार इस टेस्ट के गलत रिजल्ट अच्छे अच्छों को सोच में डाल देते हैं. प्रेगनेंसी टेस्ट की रिपोर्ट गलत आने का पहला कारण प्रेगनेंसी टेस्ट किट का खराब होना हो सकता है. इसके इलावा भी ऐसे कईं कारण हैं जो गलत परिणाम हमारे सामने लाते हैं. आज के इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसे ही कारणों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो प्रेगनेंसी टेस्ट के बाद आपके सामने गलत रिजल्ट पेश करते हैं.
ऐसे काम करती है ये किट
प्रेगनेंसी टेस्ट किट एक स्ट्रिप की तरह होती है. इसमें कोई भी महिला अपने यूरिन की कुछ बूंदे डाल कर अपनी गर्भावस्था का पता लगा सकती है. ये किट दो ही रिजल्ट देती है. या तो टेस्ट पॉजिटिव आता है या फिर नेगेटिव. ऐसे में ये स्ट्रिप आपके HCG यानि human chorionic gonadotropin हार्मोन को डिटेक्ट करके आपकी प्रेगनेंसी का सच बताती है.
केमिकल प्रेगनेंसी लोचा
कईं बार औरतें गर्भवती नहीं होती लेकिन फिर भी उनकी प्रेगनेंसी टेस्ट किट उन्हें पॉजिटिव रिजल्ट शो करती है. इसको False Pregnancy भी कहा जाता है. ऐसे में ये गलत परिणाम कईं बार केमिकल प्रेगनेंसी लोचे की वजह से भी आ सकते हैं.
क्या होती है केमिकल प्रेगनेंसी?
इस प्रकार की प्रेगनेंसी स्तिथि को “अरली मिसकेरेज” भी कहा जाता है. ऐसी स्तिथि में फर्टीलाइज्ड एग यूटेरस में इम्प्लांट नहीं हो पाते और ना ही बढ़ पाते हैं. ये स्तिथि अल्ट्रासाउंड के भ्रूण से भी पहले डिटेक्ट होती है.
केमिकल प्रेगनेंसी का कारण
इस प्रकार की प्रेगनेंसी की अहम वजह गर्भाशय की प्रोब्लम्स होती हैं. इसमें Fibroids, scar tissue या congenital uterine anomaly आदि के चलते औरतों युटेरस का आकर बिगड़ जाता है.
एक्टोपिक प्रेगनेंसी
ऐसी स्तिथि में अंडे गर्भाशय की जगह कहीं और इम्प्लांट हो जाते हैं. इसलिए इसमें टेस्ट के दौरान परिणाम पोसिटिव आता है.
गर्भपात होना
कईं बार औरतों के गर्भपात के कुछ हफ़्तों तक बाद भी प्रेगनेंसी टेस्ट किट पॉजिटिव रिजल्ट दिखाती हैं. इसका मुख्य कारण HcG हार्मोन का गर्भपात के छह हफ्तों बाद भी ब्लड में रहना हो सकता है.
यूजर एरर
हर प्रेगनेंसी टेस्ट किट पर प्रेगनेंसी टेस्ट करने के लिए कुछ ख़ास संकेत दिए जाते हैं. ऐसे में अगर महिला उन स्टेप्स को अच्छे से फॉलो नहीं कर पाती तो वह टेस्ट किट रिजल्ट उल्टा शो कर सकती है.
गलत समय
गर्भवती टेस्ट पीरियड्स के आने के शुरूआती दिनों में ही किया जाता है. ऐसे में टेस्ट फाल्स पॉजिटिव भी आ सकता है और फाल्स नेगेटिव भी.
यूरिन में समस्या
अपनी गर्भावस्था को जांचने के समय एक बात का ख़ास ध्यान रखें कि उस समय आपका यूरिन डाइल्यूटेड नहीं बल्कि कंसन्ट्रेटेड होना चाहिए. और ये यूरिन सुबह उठकर सबसे पहले आता है.