ये तूफ़ान एक बार में कर सकता है पूरे PAK और आधे चीन को तबाह!
दिल्लीः यह खबर पाकिस्तान को परेशान कर सकती है। फ्रांस तय समय से पहले ही भारत को अत्याधुनिक राफेल विमान की सप्लाई कर देगा। इसकी जानकारी देते हुए रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर ने कहा कि राफेल विमान की सप्लाई के लिए दिए गए 36 महिने से पहले ही फ्रांस यह विमान भारत को सौंप देगा। Rafael Aircraft
उन्होंने कहा कि इस बारे में पिछले महिने ही दोनों देशों के बीच अहम करार हुआ है। 7.87 बिलियन यूरो के इस करार से भारत सामरिक दृष्टि से काफी मजबूत होगा। यह राफेल विमान हवा से हवा में मार करने वाली अत्याधुनिक मिसाइल मेटेओर मिसाइल से लैस होंगे। इस तरह की मिसाइल चीन के पास भी नहीं है। इस मिसाइल की रेंज करीब 150 किमी. है।
इसलिए खरीदे जा रहे हैं ये विमान ( Rafael Aircraft) –
भारत अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करना चाहता है। इसलिए राफेल विमान खरीदे जा रहे हैं। सुरक्षा विशेषज्ञों की मानें, तो इस सौदे से एयरफोर्स और मजबूत होगा। एयरफोर्स के पास 1970 और 1980 के पुराने पीढ़ी के विमान हैं। बीते 25-30 सालों के बाद ऐसा पहली बार हो रहा है, जब भारत राफेल के रूप में ऐसी टेक्नोलॉजी खरीद रहा है।
क्या है राफेल की खासियत –
राफेल का इस्तेमाल फिलहाल सीरिया और इराक में बम गिराने के लिए किया जा रहा है। राफेल 3 हजार 800 किलोमीटर तक उड़ान भर सकता है। इसकी मदद से एयरफोर्स भारत में रहकर ही पाक और चीन में हमला कर सकती है। राफेल में हवा से जमीन में मार करने वाली स्कैल्प मिसाइलें होंगी।
इसका अर्थ यह है कि पाकिस्तान के किसी भी ठिकाने को निशाना बनाने के लिए भारतीय जेट को पाकिस्तान की सीमा में अंदर नहीं जाना होगा। भारतीय सीमा में रहकर ही पाक के किसी ठिकाने को निशाना बनाया जा सकेगा। लिहाजा भारत इन विमानों के आ जाने से काफी मजबूत होगा और साथ ही भारतीय वायुसेना की वर्षों की कमी पूरी हो सकेगी। पाकिस्तान के पास मौजूदा समय में बियोंड विजुअल रेंज वाली मिसाइल की मारक क्षमता महज 80 किमी. है। फ्रांस से मिलने वाले राफेल विमान स्कैल्प से भी लैस होंगे। यह एक लॉंग रेंज हवा से जमीन पर मार करने वाली क्रुज मिसाइल है। इस मिसाइल की रेंज करीब 300 किमी. की है।
चीन और पाकिस्तान के एयरक्राफ्ट्स के मुकाबले कितना अलग है राफेल –
पाकिस्तान के पास अभी सबसे आधुनिक प्लेन जेएफ-17 थंडर है। इसे पाकिस्तान और चीन ने मिलकर बनाया है। वहीं, चीन के पास जेएफ-17 तो है ही, वह रूस से सुखोई-27 विमान खरीदकर भी अपनी क्षमता बढ़ा रहा है।
भारत के मौजूदा मिग विमानों की तुलना में जेएफ-17 और सुखोई-27 काफी नए हैं। इसलिए राफेल विमानों की भारत को तुरंत जरूरत है।