महिलाओं के हाथ में नंगी तलवारें देखकर डरा सिनेमा हॉल का मालिक, बोला नहीं दिखायेंगे पद्मावत
चित्तौडगढ़: पुरे देश में इस समय बॉलीवुड की फिल्म पद्मावत को लेकर बवाल मचा हुआ है। इस फिल्म के बनने की शुरुआत से लेकर इसके रिलीज होने तक विवादों का सिलसिला थमा नहीं है। पहले तो फिल्म की रिलीज को रोका गया। कई राज्यों की सरकारों ने इस फिल्म के ऊपर बैन लगा दिया। अब जब सुप्रीम कोर्ट ने इसे रिलीज करने की इजाजत दे दी है तो भी इसके सामने कई तरह की परेशानियाँ आ रही हैं। आपको बता दें फिल्म पद्मावती का नाम बदलकर पद्मावत रख दिया गया है।
महिलाओं ने निकाली पद्मावत के विरोध में स्वाभिमान रैली:
इस फिल्म को लेकर राजस्थान, मध्यप्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों में जमकर विरोध किया जा रहा है। इस विरोध में केवल पुरुष ही नहीं बल्कि महिलाएं भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं। अब इस विरोध में महिलाओं के शामिल हो जानें के बाद से माहौल कुछ और ही हो गया है। पद्मावत के विरोध में महिलाओं ने किले के जौहर स्थल से शहर में जौहर भवन तक स्वाभिमान रैली निकाली। रैली का समापन सकारात्मक पहल से किया गया।
निर्देशक संजय लीला भंसाली के विरोध में लगा रही थीं नारे:
इस रैली के दौरान एक बड़ी ही अजीब घटना हुई। जब महिलाओं ने सिनेमा हॉल के मैनेजर को राखी बाँधी तो उन्होंने इस फिल्म को चलाने से मना कर दिया। महिलाएं पैदल और वाहनों पर सवार होकर हाथ में नंगी तलवारे लहराती हुई बॉलीवुड और पद्मावत के निर्देशक संजय लीला भंसाली के विरोध में और रानी पद्मिनी के पक्ष में नारे लगा रही थीं। महिलाओं ने शहर के चंद्रलोक सिनेमा हॉल में पहुंचकर फिल्म ना चलाने का संकल्प दिलाया। बाद में महिलाओं ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नाम प्रशासन को ज्ञापन दिया।
प्रबंधक और कर्मचारियों को बाहर बुलाकर बाँधी राखी:
महिलाओं ने फिल्म के बैन ना होने पर इच्छामृत्यु की मांग की। आपको बता दें सभी महिलाएं जौहर क्षत्राणी मंच के बैनर तले सुबह ही विजय स्तम्भ के पास एकत्र होने लगी थीं। महिलाओं के इकठ्ठा हो जानें के बाद पं. अरविन्द भट्ट ने मंत्रोच्चारण के बीच जौहर हवन कुंड में हवन करने के बाद पद्मावत फिल्म को नहीं चलने देने का संकल्प दिलाया। लगभग दोपहर में डेढ़ बजे महिलाओं ने स्वाभिमान रैली निकाली। जिसमें शहर की 300 महिलाएं और 100 युवक शामिल हुए। सिनेमा हॉल के प्रबंधक और कर्मचारियों को बाहर बुलाकर उन्हें राखी बाँधी गयी।
सामूहिक तौर पर महिलाओं ने की इच्छामृत्यु की मांग:
भाई बनने के बाद प्रबंधक ने यह यकीन दिलाया कि यह फिल्म नहीं चलेगी। महिलाओं और करणी सेना ने मिलकर एक पोस्टर बनाया था, जिसे फिल्म के पोस्टर के ऊपर चिपका दिया गया। जिसमें लिखा गया था कि मेवाड़ के गौरव का आदर करते हुए चंद्रलोक सिनेमा में पद्मावत फिल्म नहीं चलेगी। इस रैली में मेवाड़ के अलावा मध्यप्रदेश से भी कुछ महिलाएं पहुंची हुई थीं। प्रदर्शन के दौरान दर्जनों महिलाओं के हाथ में नंगी तलवारें लहरा रही थी। कुछ युवतियों ने केसरिया बाना भी पहना हुआ था। सभास्थल पर क्षत्राणी मंच मंजूश्री बंबोरी, महामंत्री निर्मला राठौड़, के साथ ही 200 महिलाओं ने हस्ताक्षर युक्त इच्छा मृत्यु का ज्ञापन डीएमसुरेस खटीक को सौंपा।