लोग देखते ही बोल देते हैं छक्का, ट्रांसजेंडर्स की दर्दभरी कहानी उनकी ज़ुबानी
प्रकृति रचित इस दुनिया कई तरह के लोग रहते हैं, लेकिन पहचान केवल दो ही तरह के लोगों को ही मिली हुई थी। एक महिला और एक पुरुष। इसके अलग लोगों के होने के बारे में किसी ने ना ही सोचा था और ना ही किसी ने उन्हें स्वीकार करने की कोशिश की। ऐसा नहीं है कि हमारे समाज में ट्रांसजेंडरर्स आज ही दिखाई देने लगे हैं। अगर हम इतिहास की बात करें तो प्राचीनकाल से ही ट्रांसजेंडर की इस समाज में अहम भूमिका रही है। लेकिन उस समय भी उनकी हालत ठीक वैसी ही थी, जैसी आज के समय में हैं।
आज दुनिया में तेजी से तकनिकी क्रांति हुई है। हर कोई हक की बात कर रहा है। प्रकृति ने इस दुनिया में सभी को एक सामान अधिकार दिया है। प्रकृति ने ना ही जानवरों में भेदभाव किया और ना ही इंसानों में। कुछ समय पहले तक तो ट्रांसजेंडर को समाज में मान्यता नहीं मिली हुई थी, लेकिन धीरे-धीरे हर जगह लोग जागरूक हुए और उन्होंने ट्रांसजेंडर के साथ मिलकर उनके अधिकारों की भी मांग की। कई देशों के साथ ही भारत में भी ट्रांसजेंडर को तीसरे जेंडर का दर्जा मिल गया है।
भारत में 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसजेंडर को तीसरे जेंडर का दर्जा दे दिया है। अब उन्हें नौकरी में भी आरक्षण मिलने लगा है। किसी भी फॉर्म में अब जेंडर के कॉलम में पुरुष और महिला के अलावा अब ट्रांसजेंडर का भी ऑप्शन रहेगा। सुप्रीम कोर्ट से दर्जा मिलने के बाद भी आज लोगों के मन में ट्रांसजेंडर के लिए क्या भावना है, यह किसी से छुपी हुई नहीं है। हर किसी को अपनी इज्जत प्यारी होती है। ट्रांसजेंडर को हमारे समाज में कई नामों जैसे छक्का, हिजड़ा से पुकारा जाता है।
क़ानूनी मान्यता मिलने के बाद भी लोगों की सोच में बदलाव नहीं हुआ है। आज भी लोग उन्हें उसी नजर से देखते हैं। कई ट्रांसजेंडरों से जब बात की गयी तो उन्होंने अपने बारे में बताया कि वह हर रोज कैसे-कैसे दर्द सहती हैं। इस समाज ने उन्हें ऐसा बना दिया है, कि उन्हें बेशर्मी से पेश आना पड़ता है। जबकि सच्चाई इसके उलट है। ट्रांसजेंडरों की समाज में क्या स्थिति है और उनके बारे में लोगों की क्या सोच है, इसे लेकर जर्नलिज्म की एक छात्रा अन्वेषा ब्रह्मा ने “द ट्रांजीशन” नाम की एक डाक्यूमेंट्री बनायी है। इसमें उन्होंने बड़े ही खुबसूरत ढंग से ट्रांसजेंडर की परेशानियों और समाज में उनकी स्थिति के बारे में बताने का प्रयास किया है।
आपको बता दें ट्रांसजेंडर के ऊपर बनायी गयी इस डाक्यूमेंट्री का ट्रेलर रिलीज किया गया है। इसमें आप देख सकते हैं कि लोग आज भी ट्रांसजेंडर के बारे में क्या सोचते हैं। कम पढ़े लिखे लोग हो नहीं आजकल की युवा पीढ़ी की इनके बारे में क्या सोच है, यह भी आप देख सकते हैं। इसी विडियो में एक लड़की यह कह रही है कि वह ट्रांसजेंडर को बिलकुल भी पसंद नहीं करती है। वहीँ एक ऑटो वाला एक ट्रांसजेंडर को देखकर जोर-जोर से चिल्लाता है छक्का-छक्का। इसी से आप समझ सकते हैं कि तीसरे लिंग का अधिकार मिलने के तीन साल बाद भी लोगों की सोच में कोई बदलाव नहीं हुआ है।