राजनीति

सीमा पर पाकिस्तान करना चाहता है युद्ध, जवाब देने को सेना ने की है ये तैयारी

जम्मू कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में बीते चार गुरुवार से जारी गोलीबारी सोमवार को भी जारी रही। रविवार को हालांकि इसमें कुछ कमी आई थी। लेकिन जैसे ही सोमवार को सुबह हुई पाकिस्तान के सैनिकों के द्वारा फिर से गोलीबारी की गई। जिसके बाद भारतीय सेना ने मुंह तोड़ जवाब दिया। पाक की तरफ से हो रही लगातार गोलाबारी और फायरिंग के बाद अबतक 12 लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसे में सेना को जोरदार जवाब देने और अपने जानमाल के कम नुकसान के लिए सीमा में बसे गांवों को खाली कराना शुरु कर दिया है। सेना ने लोगों से अपील की है कि गोलाबारी बंद होते ही सुरक्षित स्थानों की तरफ कूच करें। साथ ही, जबतक सीजफायर का ऐलान न हो तबतक वापस घर न लौटें।

बताया जा रहा है कि जम्मू और राजौरी के करीबी सेक्टर्स में रविवार रात से पाकिस्तान ने फायरिंग शुरू की। इसका भारतीय सेना ने जोरदार जवाब दिया गया। रविवार को हुई फायरिंग में एक शख्स की मौत हो गई थी। जबकि, दो लोग घायल हुए थे। इतना ही नहीं सोमवार की सुबह एक बार फिर फायरिंग शुरु हो गई। हालांकि इसमें किसी प्रकार के नुकसान की ख़बर नहीं है। सूचना के मुताबिक रविवार को कानाचक सेक्टर में भी पाकिस्तान ने सीजफायर वॉयलशन किया था।

इससे पहले रविवार को पाकिस्तानी सेना ने देर शाम उप जिला नौशहरा के कलाल, झंगड़, कलसियां, भवानी लाम सेक्टर में गोलाबारी की। भारतीय सैन्य चौकियों के साथ रिहायशी क्षेत्रों को निशाना बनाया। पाकिस्तानी सेना भारतीय क्षेत्र में लगातार मोर्टार दाग रही है। रविवार की इस गोलाबारी में किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हुआ है। भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई में सीमा पार काफी नुकसान हो रहा है। वहीं जम्मू में 200 किलोमीटर अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चार दिन की भारी गोलाबारी के बाद दिन में भले ही दुश्मन ने गोले न बरसाए हों, लेकिन रात में गोलाबारी की आशंका से दहशत में कोई कमी नहीं है। 80 हजार लोग पलायन कर चुके हैं। इनमें से 36 हजार केवल जम्मू जिले के अरनिया व सुचेतगढ़ के हैं। अभी भी हजारों लोग सीमा पर अपने घरों में दुबक कर दिन गुजार रहे हैं।

सीमा पर तनाव और फायरिंग की वजह से जम्मू जिले में कई स्कूलों को बंद रखा गया है। सोमवार की सुबह परगल, माथ, आरएस पुरा, अर्निया और रामगढ़ इलाके में फायरिंग हुई। इसके अलावा भवानी, कराली, साद, नुंब और शेर माकेरी में भी काफी फायरिंग के साथ मोटार्र दागे गए। बीते दिनों हुई फायरिंग में कुल 12 लोग मारे गए हैं। इनमें से पांच सिक्युरिटी फोर्सेस के जवान हैं। हालंकि पाकिस्तान के इस कृत्य पर सेना पैनी नजर बनाए हुए हैं। हालंकि फायरिंग की वजह से करीब 40 हजार लोगों को अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों में पनाह लेनी पड़ी है। साथ ही शेल्टर होम्स में जाना पड़ा है।

इस हालात के बीच रविवार को मुख्यमंत्री महबूबा ने जम्मू के सीमावर्ती इलाकों की मौजूदा स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि हमारे बॉर्डर पर इस वक्त खुदा न खास्ता एक तरह से खून की होली खेली जा रही है। हम अपने सरहदी इलाकों में रोजाना खून खराबा देख रहे हैं। पूरा मुल्क तरक्की कर रहा है। नए अस्पताल बन रहे हैं, नई सड़कें बिछाई जा रही हैं, स्कूल और कॉलेज खुल रहे हैं। हमारे प्रधानमंत्री भी कहते हैं कि सबका साथ-सबका विकास, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा भी देते हैं, लेकिन दूसरी तरह हमारी रियासत में ठीक इसके उलट हो रहा है। सरहदों पर रहने वाले लोग सड़क, बिजली पानी नहीं मांग रहे हैं, वे जिंदा रहने के लिए बंकर मांग रहे हैं। वे जान बचाने के लिए घरों से भाग रहे हैं। गांव खाली हो रहे हैं। स्कूल बंद हैं और बच्चे घरों के चहारदीवारी में कैद होकर रह गए हैं।

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