टीचर की करतूत: ठंड में मासूस के कपड़े उतरवाएं,क्लास के 40 छात्रों से लगवाए थप्पड़
मां-बाप स्कूलों की महंगी फीस भरकर अपने बच्चों को इसलिए पढ़ने भेजते हैं कि वहां शिक्षक उन्हें शिक्षा के साथ अनुशाषन का पाठ भी पढ़ाएंगे पर अक्सर स्कूल में अनुशाषन के नाम पर बच्चों के साथ जो दण्डात्मक कार्यवाही होती है उससे शिक्षा जगत ही शर्मसार हो जाता है। हाल ही में यूपी के कानपुर में एक ऐसी ही शर्मनाक घटना सामने आई जहां एक नामचीन स्कूल के टीचर ने तीसरी कक्षा के छात्र को सजा के नाम पर क्लास के ही 40 छात्रों से थप्पड़ लगवाएं। साथ ही बच्चे का आरोप है कि इस टीचर ने कुछ दिन पहले भीषण ठंड में उसके कपड़े उतरवा कर क्लास में नंगा खड़ा कर दिया था।
दरअसल ये घटना सिविल लाइंस स्थित यूनाइटेड पब्लिक स्कूल की है जहां तीसरी क्लास में पढ़ने वाले युवराज के परिजनो ने सपने में भी नहीं सोचा था कि स्कूल में उनके बेटे के साथ शैतानी हरकतें हो सकती हैं। परिजनों का कहना है कि जब युवराज की मां शुक्रवार के दिन छुट्टी के समय बेटे को लेने के लिए स्कूल गयी थी तो उन्होंने पाया कि बेटे का गाल सूजा हुआ है लेकिन बेहद डरे-सहमे युवराज ने उस वक्त उन्हें कुछ नहीं बताया पर घर आकर उसने अपनी दादी को बताया कि होमवर्क चेक न कराने पर उसकी टीचर ने क्लास में खड़ा किया। सजा के तौर पर क्लास के सभी चालीस छात्रों से उसे एक-एक थप्पड़ मारने को कहा। ऐसे में इन चालीस थप्पड़ों ने युवराज के गाल सुजा दिये।
ऐसे में जब ये बात बच्चे से घरवालों को पता चली तो वे भड़क उठे और अगले दिन शनिवार को स्कूल पहुंचकर स्कूल प्रशासन से जवाब मांगा पर स्कूल वालो के पास इसका कोई जवाब नहीं थां । ऐसे में वहां और भी अभिभावक पहुंचे और आक्रोश में हंगामा करने लगें। बताया जा रहा है कि उस हंगामे के बाद स्कूल प्रबंधन ने उस टीचर की छुट्टी कर दी है।
जबकि आरोपी शिक्षिका ने इस आरोप को झूठा करार देते हुए 40 बच्चों से थप्पड़ लगाने की घटना से साफ इन्कार किया है। टीचर का कहना है कि होमवर्क पूरा न करने पर उसने बच्चे को सिर्फ डांटा-फटकारा और हल्की सी पिटाई की थी। इसके साथ दो अन्य छात्रो ने बच्चे को सिर्फ टच भर किया था और बाकि आरोप तो बिल्कूल निराधार हैं।
वहीं परिजनों का आरोप ये है कि वो टीचर बच्चे पर अपने यहां ट्यूशन पढ़ने का भी दबाव डाल रहीं थीं और ऐसा न करने पर भरी क्लास में बच्चे के साथ बदसलूकी और उत्पीड़न किया गया है। बच्चे के अनुसार इसी टीचर ने कुछ दिन पहेल उसके कपड़े भी क्लासरूम में दूसरे बच्चो से उतरावाएं थे ।
वहीं बच्चे के पिता ने सवाल उठाते हुए कहा कि दूसरे बच्चों से थप्पड़ लगवाना कौन सी टीचिंग का तरीका है ? परीजन बता रहे हैं कि मासूम युवराज इस स्कूल का नाम आते ही डर से सहम जाता है .. इसलिए उन्होने अपने बच्चे का नाम इस स्कूल से कटवा कर ट्रांसफर सर्टिफिकेट भी लिया है।
हालांकि इस तरह किसी एक स्कूल से नाम कटवाकर बच्चे का दूसरे स्कूल में दाखिला दिलाने से ये समस्या खत्म नहीं होने वाली है.. असल में आजकल शिक्षा की गुणवत्ता इस कदर गिर गई है कि प्राइवेट स्कूल, शिक्षा के नाम पर बिजनेस करते हैं और शिक्षक टीचिंग को सिर्फ अपना पेशा मात्र मानते हैं.. उन्हे मासूम बच्चों के मानसिक विकास और भविष्य का खोई ख्याल नहीं आता है । ऐसे में पूरे शिक्षा व्यवस्था परिवर्तन की आवश्यकता है जिसके लिए अभिभावको स्कूलों की मनमानी से समझौता करने के बजाए उचित तरीके से आवाज उठानी पड़ेगी।