एमपी निकाय चुनाव में कांग्रेस-बीजेपी के बीच बराबर की टक्कर, कुछ यूं रहे चुनाव के नतीजें
मध्यप्रदेश: एमपी निकाय चुनाव जहां कांग्रेस के लिए खुशियों भरा माना जा रहा है तो वहीं बीजेपी इन नतीजोंं से हैरान है। जी हां, मुकाबला टक्कर का हुआ है, लेकिन यह मुकाबला बीजेपी की टेंशन बढ़ा देने वाला है। तो ऐसे में आप सोच रहे होंगे कि आखिर जब मुकबला बराबर का रहा तो बीजेपी के लिए टेंशन क्यों?
बता दें कि मध्य प्रदेश में 19 नगर पालिका और नगर परिषद अध्यक्ष पद पर हुए चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुकाबला बराबरी का देखने को मिला। जी हां, 9 सीटों पर भाजपा तो 9 सीटों पर कांग्रेस की जीत हुई है, दूसरी तरफ एक पर निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत हासिल की है। हालांकि नतीजें देखने में तो सामान्य लग रहे हैं, लेकिन इसके पीछे का सियासी गणित कुछ और ही कह रहा है।
जी हां, मध्यप्रदेश में बीजेपी की सरकार है, ऐसे में शिवराज सरकार के कार्यकाल में अमूमन चुनावों में शानदार जीत दर्ज करने वाली बीजेपी को इस बार कांग्रेस ने न केवल कड़ी टक्कर दी, बल्कि कुछ सीटों पर बीजेपी के किले को ध्वस्त करके रख दिया है, जिसकी वजह से बीजेपी की टेंशन बढ़ गई है।
बताते चलें कि जहां एक तरफ बीजेपी के कब्जे वाली धार, मनावर, सरदारपुर, धरमपुरी, खेतिया, अंजड़ निकाय को कांग्रेस ने छीन ली तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के कब्जे वाली कुक्षी, डही, पीथमपुर, राजपुर और ओंकारेश्वर सीट बीजेपी ने छीनी। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि दोनों के लिए यह चुनाव बराबर रहा है।
बीजेपी की टेंशन इसलिए भी बढ़ी है क्योंकि बीजेपी एक तरफ कांग्रेस मुक्त भारत का सपना देख रही है, लेकिन कांग्रेस की इस मजबूत वापसी से कहीं उसका ये सपना न टूट जाए। बता दें कि कांग्रेस को दिग्विजय सिंह के गृह क्षेत्र राघौगढ़ के अलावा धार और बड़वानी में भी अच्छी खासी सफलता मिली है, जिसकी वजह से यह लग रहा है कि कांग्रेस वापसी करने के फिराक में है।