लक्षण पहचान कर करें इस तरह से टीबी का इलाज, कुछ ही दिनों में जड़ से ख़त्म हो जाएगी टीबी की बीमारी
आज के समय में किसी को भी कभी कोई बीमारी लग सकती है। आजकल पहले की तरह नहीं है कि एक विशेष उम्र पार कर जानें के बाद ही व्यक्ति को कोई रोग होगा। आजकल लोगों की जीवनशैली में काफी बदलाव हुआ है। जीवनशैली में आये इसी बदलाव की वजह से लोगों के खान-पान की आदतों में भी परिवर्तन हुआ है। इसके साथ ही लोगों के रहन-सहन की आदत भी बदली है। इसका नतीजा यह हुआ है कि व्यक्ति समय से पहले ही किसी भयंकर रोग का शिकार हो जा रहा है।
हालाँकि कुछ बीमारियों के लिए उम्र का होना कोई मायने नहीं रखता है। क्योंकि ये बीमारियाँ बैक्टीरिया के संपर्क में आने से होती हैं। ऐसी ही एक भयंकर बीमारी टीबी है जो मायकोइक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस बैक्टीरिया के कारण होती है। आजकल पेट, किडनी, ब्रेन और रीढ़ की हड्डी में टीबी होना एक आम बात हो गयी है। इसकी वजह से व्यक्ति को सीने में दर्द, भूख न लगना, सांस लेने में तकलीफ, कमजोरी, तेज खांसी, कफ और बुखार होने लगता है। इस रोग का शुरुआत में इलाज ना होने पर यह जानलेवा भी हो सकता है।
अगर परिवार के किसी एक सदस्य को टीबी की भयानक बिमारी हो जाती है तो परिवार के अन्य लोगों को भी सावधानी बरतने की जरुरत होती है। चूँकि यह रोग बैक्टीरिया की वजह से फैलता है तो किसी को भी हो सकता है। बच्चों को टीबी के रोगी से दूर रखना चाहिए। टीबी के जीवाणु खांसने और छिकने से फैलते हैं। एक शोध के अनुसार हर साल लापरवाही की वजह से 4 लाख से ज्यादा लोग इस बिमारी की चपेट में आ रहे हैं। टीबी हो जानें के बाद आप डॉक्टरों की दवाओं के साथ कुछ घरेलु उपाय भी अपना सकते हैं। इन उपायों से टीबी रोग जल्दी ही ठीक हो जायेगा।
टीबी के लक्षण:
*- टीबी का पहला लक्षण 3 सप्ताह से ज्यादा लगातार खाँसी आना
*- भूख ना लगना
*- अचानक से वजन कम हो जाना
*- बखार और ठंढ लगना
*- खांसी के साथ बलगम और खून का निकलना
*- सांस लेने में काफी तकलीफ का होना
*- गर्दन की ग्रंथियों में सूजन आ जाना
*- सीने में दर्द होना, थकान और कमजोरी का होना
टीबी के उपचार के घरेलू उपाय:
लहसुन में भरपूर मात्रा में सल्फ्यूरिक एसिड पाया जाता है जो टीबी के कीटाणुओं को ख़त्म करता है। 45 कलि लहसुन को पीसकर एक कप दूध में मिलाएं और उसमें चार कप पानी उबालें। इसे टीबी के रोगी को दिन में कम से कम तीन बार पीने के लिए दें।
200 शहद, 100 ग्राम घी और 200 ग्राम मिश्री को अच्छी तरह मिलाकर इसे टीबी के मरीज को दिन में 2-3 बार चटायें। इसके बार गाय या बकरी का दूध पीने के लिए दें। कुछ ही दिनों में रोग जड़ से ख़त्म हो जायेगा।
पीपल के पत्ते को जलाकर इसकी 10 ग्राम राख को लगभग 20 ग्राम बकरी के दूध में मिलाएं। इसमें थोडा शहद मिलकर हर रोज इसका सेवन करें। टीबी का रोग कुछ ही दिनों में जड़ से ख़त्म हो जायेगा।
टीबी के रोग में संतरे के रस में नमक और शहद मिलाकर हर रोज सुबह-शाम पीयें। इसके साथ ही टीबी के रोगियों के लिए संतरे का सेवन करना भी फायदेमंद रहता है।
फेफड़ों में जमा काफ और खांसी को दूर करने के लिए 8-10 ग्राम काली मिर्च को थोड़े मक्खन में फ्राई करें। अब इसमें एक चुटकी हिंग डालकर इसे पीस लें। अब इस मिश्रण को तीन बराबर भागों में बांटकर इसका दिन में 7-8 बार सेवन करें।
एक चुटकी हिंग लेकर उसमें आधा कप प्याज का रस मिलाएं। हर रोज इसका सेवन करने से टीबी का रोग एक सप्ताह में ही ठीक हो जाता है।