दुनिया के सबसे बड़े कोर्ट में से एक इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक करोड़ फैसलें होंगे ऑनलाइन
उत्तर प्रदेश: ऑनलाइन का जमाना है तो कोर्ट इससे पीछे रहे, ये बात जमती नहीं है न? तो चलिए दुनिया के सबसे बड़े कोर्ट में शुमार इलाहाबाद कोर्ट अपने अभी तक सभी फैसले ऑनलाइन होंगे। जी हां, जल्दी ही कोर्ट के एक करोड़ फैसले आपको ऑनलाइन मिल जाएंगे। तो आइये देखते है कि हमारी इस रिपोर्ट में खास क्या है?
बता दें कि मुकदमों की संख्या के नजरिये से दुनिया के सबसे बड़े कोर्ट इलाहाबाद हाईकोर्ट और उसकी लखनऊ खंडपीठ 1860 में स्थापना के समय से लेकर आज तक दिए गए एक करोड़ फैसलों को ऑनलाइन अपलोड करेगा। यानि कोर्ट द्वारा दिये गये अभी तक तमाम फैसलें को ऑनलाइन किये जाने का फैसला लिया गया है।
कोर्ट द्वारा एक करोड़ फैसले को ऑनलाइन करना किसी मुसीबत से कम नहींं है। लेकिन कोर्ट ने अपनी इस मुहिम को सफल बनाने के लिए एक लक्ष्य बनाया है, जिस पर चलके इस मुहिम को पुरा किया जा सकेगा। बता दें अगले आठ महीने के अंदर एक करोड़ फैसलों को वेबसाइट पर अपलोड करने का लक्ष्य रखा गया है। कोर्ट ने न सिर्फ लक्ष्य तय किया है बल्कि उस पर काम भी शुरू हो चुका है।
फैसलों को ऑनलाइ अपलोड करने के लिए 50 करोड़ पन्नों को स्कैन करने का काम जारी है। अपलोड में काई गलती न हो इसका ध्यान रखते हुए यह भी तय किया गया है कि इन फैसलों को वेरीफाई और डिजिटली साइन करने के बाद ही हाईकोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा।
दरअसल, इस फैसले कीी जानकारी हाईकोर्ट के जस्टिस दिलीप गुप्ता, जस्टिस विवेक चौधरी, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस देवेन्द्र कुमार अरोरा और जस्टिस अंजनी कुमार मिश्रा ने गुरुवार को लखनऊ में न्यायिक प्रशिक्षण एवं शोध संसथान में आयोजित प्रेस वार्ता में दी। साथ ही इस प्रेस कांन्फ्रेस में यह भी बताया गया कि फैसलों को ऑनलाइन करने का फैसला क्यों लिया गया? कांन्फ्रेस में बताया गया कि इन फैसलों को ऑनलाइन अपलोड करने से इसका फायदा वादकारियों, वकीलों, अध्ययनकर्ताओं और आम नागरिकों को होगा, साथ ही साथ कोर्ट के काम में पारदर्शिता भी देखने को मिलेगी।