जनलोकपाल बिल को सरकार ने किया कमजोर, मोदी सरकार किसान विरोधी
नई दिल्ली: समाजसेवी अन्ना हजारे ने केंद्र की मोदी सरकार पर जबरदस्त हमला बोला है। जी हां, अन्ना ने आरोप लगाया है कि सरकार ने लोकपाल बिल को कमजोर किया है। इतना ही नहीं, अन्ना ने सरकार को किसान विरोधी तक बता डाला। आइय़े जानते है कि आखिर क्यों भड़क रहे हैं अन्ना हजारे?
बता दें कि सात साल पहले शुरू हुआ जनलोकपाल बिल की मांग अब कहीं खोई हुई सी दिखाई देने लगी है। जी हां, इसी खोई हुई जनलोकपाल बिल को फिर से ट्रेंड में लाने के लिए अन्ना हजारे ने कमर कस लिया है। अन्ना मार्च में एक बार फिर से आंदोलन करने जा रहे हैं। इतना ही नहीं, अन्ना इस बार अपने पुराने ही जोश में दिख रहे हैं, उनके विश्वास को देखकर यही लगता है कि शायद इस बार लोकपाल बिल को लेकर उनकी ये कोशिश सफल हो जाएगी।
समाजसेवी अन्ना हजारे यही नहीं रूके उन्होंने आगे मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मौजूदा सरकार किसानों के बारे में कम और उद्योगपतियों के बारे में ज्यादा सोचती है। साथ ही अन्ना ने यह भी आरोप लगाया कि भारत को कृषि प्रधान देश कहा जाता है, लेकिन पिछले 22 साल में 12 लाख किसान आत्महत्या कर चुके हैं, इन सब पर सरकार की चुप्पी ही सबकुछ बयान कर दे रही है।
याद दिला दें कि किसान पेंशन बिल संसद में अटका हुआ है, जिसे लेकर भी अन्ना ने कहा कि संवैधानिक अधिकार होने के बाद भी 60 साल से अधिक उम्र होने और घर में किसी सरकार कर्मचारी के न होने पर किसान को जीने का अधिकार नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में अन्ना ने लोकतंत्र पर भी सवाल करते हुए कहा कि मुझे लगता है कि आने वाले दिनों में लोकतंत्र बचेगा ही नहीं।
आपको बता दें कि 27 मार्च को अन्ना एक बार फिर एक बड़ा आंदोलन करने वाले हैं। जैसाकि सभी जानते है कि ्पिछले अन्ना आंदोलन से निकले केजरीवाल से वो बहुत नाराज है तो ऐसे में उन्होंने कहा है कि इस बार जो भी आंदोलन में शामिल होगा, वो किसी भी तरह से राजनीति में नहीं शामिल होगा।