कहीं आप भी छींक को रोकते तो नहीं, जानलेवा साबित हो सकती है ये आदत
कई बार हमारी छोटी या मामूली दिखने वाली आदतें हमारे लिए घातक साबित हो जाती है। ऐसी ही एक आदत है छींक रोकना.. अक्सर लोग सब किसी सार्वजनिक स्थान पर होते हैं तो छींक आने पर उसे दबा लेते हैं। सबके सामने छींकने में उन्हे झिझक होती है .. लगता है कि छींकने पर आस-पास के लोगों के सामने क्या इम्प्रेशन पड़ेगा। अगर आप भी कुछ ऐसा ही करते हैं तो सावधान हो जाइए .. क्योंकि छींक दबाकर, आप अपने स्वास्थ्य के साथ बेहद गलत कर रहे है जिसका खतरनाक परिणाम आपको कभी भी भुगतना पड़ सकता है। अगर अभी भी आप यही सोच रहे हैं कि छींक दबाने से ऐसा क्या नुकसान होता है तो चलिए आपको बताते हैं इससे होने वाले हानिकारक प्रभाव के बारे में ..
आपने अक्सर देखा होगा कि जब कोई छींकता है तो सामने वाला व्यक्ति “गॉड ब्लेस यू” बोलता है। पर क्या आपने सोचा है इसके पीछे की वजह क्या है .. असल में इसका कारण ये है कि अगर हम अपनी छींक को रोकते हैं तो वो हमारे लिए जानलेवा हो सकती है । जी हाँ, ये पूरी तरह सच है और इसीलिए सामने वाला आपकी सलामती के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता है।
आपको ये पता होना चाहिए कि दूसरे शारीरिक गतिविधियों की तरह छींक आना भी शरीर की एक सामान्य प्रक्रिया है.. दरअसल छींक शरीर को बाहरी संक्रमण से बचने का एक नेचुरल तरीका है। असल में जब कभी बैक्टीरिया या बाहरी हानिकारक कण शरीर में प्रवेश करने का प्रयास हैं तो छींक के जरिए वो हमारे शरीर से 160 किमी./घंटा की गति से बाहर आ जाते हैं। इस तरह छींक कोई शारीरिक कमी नहीं है बल्कि ये तो आपको गंभीर संक्रमण से बचाती है।ऐसे में अगर इसे हम रोकते हैं तो इसके कई सारे दुष्परिणाम सामने आते हैं जैसे कि
1 जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया कि छींकते समय नाक से 160 किमी/घंटा की गति से हवा निकलती है। ऐसे में अगर छींक को रोका जाता है तो यही दबाव बाहर आने की बजाए शरीर के दूसरे अंगों सिर,आंख और कान पर पड़ता है जिसके कारण आपका ईयरड्रम भी फट सकता है और आपको हमेशा के लिए सुनाई देना बंद हो सकता है।
2 चूंकि छींक शरीर में प्रवेश करने वाले हानिकारक तत्वो और बैक्टिरिया को रोकने का काम करती है। ऐसे में छींक रोकने से ये रोगाणु शरीर के अंदर प्रवेश कर जाते हैं और फिर गम्भीर बीमारियों का कारण बनते हैं।
3 छींक रोकने से आंख पर काफी हानिकारक असर पड़ता है.. इसकी वजह से आंखों की रक्त वाहिकाएं प्रभावित हो जाती हैं। साथ ही इससे आपके गर्दन में भी मोच आ सकती है।
4 वहीं छींक रोकने से अगर दबाव ज्यादा पड़ जाए तो कुछ मामलों में दिल का दौरा आने की भी आशंका रहती ही है।
5 वहीं छींक रोकने से दिमाग की नसों पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।
इस तरह छींक रोकना स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकार साबित होता है.. तो आगे से कभी आप भूलकर भी छींक रोकने की कोशिश न करिएगा । अगर आपको छींकने में शर्म महसूस होती है बेहतर है कि आप अपनी नाक पर रुमाल रख लें और फिर छींकें। या फिर आप अपने छींकने का तरीका भी बदल सकते हैं और तेज से छीकंने के बजाए धीमी आवाज़ में छींके।