मोदी सरकार ने एक बार फिर किया ऐतिहासिक फैसला, वोट बैक पर पड़ सकता है असर
नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार ऐतिहासिक फैसलोंं की वजह से लोगों के बीच में अपनी लोकप्रियता को लगातार बरकरार रख रही है। जी हां, नोटबंदी के एक बार फिर सरकार ने देश को हिला देनेे वाला फैसला लिया है। मोदी सरकार ने क्या फैसला लिया है, इसे जानने के लिए आपको हमारी ये रिपोर्ट बड़े ही ध्यान से पढ़ना पढ़ेगा।
नोटबंदी के बाद जीएसटी और जीएसटी के बाद एक ऐसा फैसला, जिससे शायद मुस्लिम समुदाय मोदी सरकार से खफा हो जाए। जी हां, मोदी सरकार ने हज पर जाने वाली सरकारी सब्सिडी को खत्म कर दिया है। अब इस फैसले पर विवाद होना तो बनता है न? दरअसल, इतना बड़ा फैसला है, जिसमें पक्ष-विपक्ष एक बार फिर से आपस में भिड़ते हुए नजर आने वाले हैं। जाहिर है कि आपके मन में अब कई सवाल खड़े हो रहे होगें, जिसमें से एक यह भी होगा कि आखिर अब उन सब्सिडी वाले पैसों का क्या होगा?
दरअसल, केंद्र की मोदी सरकार ने भले ही सब्सिडी को खत्म कर दिया है, लेकिन उन रूपयों का सही जगह इस्तेमाल किया गया है। बता दें कि अब हज सब्सिडी फंड का इस्तेमाल अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों और महिलाओं को शिक्षा देने के लिए किया जाएगा। साथ ही आपको यह भी बता दें कि केंद्र सरकार के इस फैसले की आलोचना भी होनी शुरू हो चुकी है।
फैसले पर सरकार ने थपथपाई अपनी पीठ
जी हां, सरकार ने इस फैसले पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि हर साल हज में 1 लाख 75 हजार लोग जाते हैं, ऐसे में सब्सिडी में सलाना 700 करोड़ रूपये खर्च करने पड़ते थे। बता दें कि सरकार ने आगे कहा कि ये सब्सिडी जरूरतमंद यानि गरीब को नहीं मिल पाती थी, इसलिए इसे बंद करना पड़ा। सरकार ने अपनी पीठ थपथपाते हुए कहा कि आजादी के बाद पहली बार इसे बंद करके सही जगह लगाया जा रहा है।
फैसले पर जब सवाल खड़े होने लगे तो सरकार की तरफ से कहा गया कि हमने गरीब मुसलमानों के लिए उपाय कर लिया है। खैर जो भी हो अब लेकिन इस मामलें में तो बड़ा तूफान आने वाला है। लेकिन एक बात तो तय है कि मोदी सरकार के इस फैसले से बीजेपी के वोट बैंक पर भी असर देखने को मिल सकता है। बहरहाल, अब ये देखना होगा कि मोदी सरकार द्वारा हज यात्रा की सब्सिडी को बंद करने का फैसला किस मोड़ पर मुड़ती है, ये तो खैर वक्त ही बताएगा।