मकर संक्रांति : भुलकर भी न करें ये 10 अशुभ कार्य, वर्ना जीवन भर पड़ सकता है पछताना
हिन्दू धर्म में मकर संक्रांति का विशेष महत्व है। मकर संक्रांती हर साल की तरह इस साल भी 14 जनवरी को मनाई जाती है। वेदों के मुताबिक, सूर्य का किसी विशेष राशि पर भ्रमण करने को संक्रांति कहा जाता है। मकर संक्रांति भगवान सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने की खुशी में मनाई जाती है। क्योंकि, यह पर्व सूर्य और शनि से सम्बन्धित है इसलिए यह सभी के लिए काफी महत्वपूर्ण हो जाता है कि उस दिन सभी प्रकार की पूजा कि जाये और व्यक्ति से कोई गलती न हो। इस मकर संक्रांति यानि आज कई दुलर्भ और शुभ महासंयोग बन रहे हैं, लेकिन ये 10 काम बेहद अशुभ हैं। जिन्हें भुलकर भी आज के दिन न करें।
मकर संक्रांति के दिन महिलाओं को बाल नहीं धोना चाहिए। पुण्यकाल के दौरान दांतुन या ब्रश भी नहीं करना चाहिए।
मकर संक्रांति के दिन घर के अंदर या बाहर किसी भी पेड़ को कटना या छांटना नहीं चाहिए।
संध्या काल में अन्न का सेवन नही करना चाहिए, क्योंकि इससे सूर्य देव की कृपा दृष्टि व्यक्ति पर नहीं पड़ती है।
मकर संक्रांति के दिन तिल, मूंग दाल की खिचड़ी इत्यादि का सेवन करना शुभ होता है और इन सब चीजों का यथाशक्ति दान करना भी अतिशुभ माना गया है।
मकर संक्रांति के दिन अपनी वाणी पर संयम रखें और गुस्सा बिल्कुल ना करें। पुरे दिन अगर आपके साथ कोई बुरा भी करता है तो उसके साथ मधुरता का व्यवहार करें। इस दिन गुस्सा करने से शनि देव का प्रभाव आपके ऊपर ज्यादा हो सकता है।
मकर संक्रांति के शुभ दिन आप किसी भी तरह का नशे यानि शराब, सिगरेट, गुटका आदि के सेवन से दूर रहे। मकर संक्रांति के दिन हो सके तो मसालेदार भोजन का सेवन नही करना चाहिए।
मकर संक्रांति के दिन गाय या भैंस का दूध नहीं दुहने से बचना चाहिए। भिखारी, साधु या बुजुर्ग के खाली हाथ लौटना अशुभ हो सकता है।
इस बात का विशेष ध्यान रखे कि अगर मकर संक्रांति के दिन आपके घर पर कोई भी भिखारी, साधु या बुजुर्ग आता है तो उसे कुछ न कुछ अपनी इच्छा अनुसार दान जरुर दें।
मकर संक्रांति के दिन भूलकर भी लहसुन, प्याज और मांस का सेवन न रहे। यह बेहद अशुभ है। इस दिन अगर आप फसल काटने की योजना बना रहे हैं तो उसे टाल देना चाहिए।
मकर संक्रांति के दिन अपनी वाणी पर संयम रखें और किसी पर भी गुस्सा न करें। अपने व्यवहार में मधुरता लाये और किसी पर भी गुस्सा न करें।