मकर संक्रांति के शुभ योग में हर पुरुष और महिला को करने चाहिए ये 4 काम, जो बदल देंगे आपकी जिंदगी
आज 17 सालों के बाद मकर संक्रांति और रविवार का शुभ योग बन रहा है। सभी लोग इस बात से परिचित हैं कि मकर संक्रांति का पर्व हिन्दू धर्म में सूर्यदेव के पर्व के रूप में मनाया जाता है। वहीँ रविवार का दिन भी ग्रहों के राजा सूर्य का दिन माना जाता है। अब ऐसे में रविवार के दिन मकर संक्रांति का पड़ना कई मायनों में बहुत ख़ास हो गया है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण हो जायेगा। मकर संक्रांति के दिन से ही मौसम में बदलाव होना भी शुरू हो जाता है।
भारत एक विविधता भर देश है। यहाँ हर राज्य और हर समुदाय की अपनी-अपनी परम्पराएं और संस्कृतियाँ हैं। आज मकर संक्रांति के पर्व को ही हर जगह अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। मकर संक्रांति का जहाँ एक तरफ धार्मिक महत्व है, वहीँ दूसरी तरफ इस पर्व का वैज्ञानिक महत्व भी है। मकर संक्रांति स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। आज हम आपको मकर संक्रांति के शुभ योग में चार ऐसे कामों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो हर किसी को करने चाहिए।
ये चार कम करना चाहिए सभी को:
मकर संक्रांति के दिन सूर्य का मकर राशि में प्रवेश होता है, इसी वजह से इस दिन को मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है। सूर्य के इस दिन राशि परिवर्तन करने की वजह से मकर संक्रांति का ज्योतिशास्त्र में भी महत्व है। सूर्य के इस राशि परिवर्तन का सर हर राशि के लोगों पर होता है। जिन लोगों की कुंडली में सूर्य अशुभ फल देने वाले हैं, वो लोग आज के दिन सूर्यदेव को जल अवश्य चढ़ाएँ।
आज के दिन सुबह सूर्यदेव को जल चढ़ाएँ। आज के दिन से यह उपाय शुरू करके प्रत्येक दिन करें। इससे कुंडली का सूर्यदोष शांत हो जायेगा और समाज में आपके मान-सम्मान और प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी।
आज के दिन से ठंढ का असर धीरे-धीरे कम होने लगता है। आज के दिन सूर्य की किरणे व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होती हैं। यह त्वचा की चमक बढ़ाने के साथ-साथ शरीर को उर्जा भी प्रदान करती है। यही वजह है कि लोग आज के दिन प्राचीनकाल से पतंग उड़ाते आ रहे हैं, ताकि सूर्य की रौशनी में रह सकें।
स्वास्थ्य की दृष्टि से ठंढ के समय में समय-समय पर तिल-गुड़ का सेवन करते रहना चाहिए। इन चीजों की तासीर गर्म होती है और यह ठंढी में गर्मी प्रदान करती हैं। तिल-गुड़ की इन्ही विशेषताओं की वजह से मकर संक्रांति के दिन सदियों से इसे खाने की परम्परा चली आ रही है। उन लोगों को तिल-गुड़ का सेवन नहीं करना चाहिए, जिन्हें डॉक्टर ने गर्म चीजें खाने से माना किया हो।
मकर संक्रांति के दिन तिल का क्या महत्व है यह आप समझ ही गए होंगे। आज के दिन दान की भी परम्परा है। ज्योतिष के अनुसार मकर संक्रांति के दिन हर राशि के लोगों को कुछ ना कुछ दान करना चाहिए। इस दिन तिल का सेवन और तिल का दान दोनों ही अच्छा होता है। तिल के दान करने से कुंडली के दोष दूर हो जायेंगे। ऐसा माना जाता है कि तिल का दान करने से कालसर्प दोष, शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या एवं राहू-केतु के दोष भी दूर हो जाते हैं।