मंदिर की अनोखी परम्परा, सजा के तौर पर यहाँ खिलाई जाती है लोगों को कसम, जानें
भारत एक विविधता भरा देश है। यहाँ कई तरह की प्राचीन परम्पराओं को देखा जा सकता है। कुछ परम्पराएं इतनी अनोखी होती हैं, कि जानकर आश्चर्य होता है। यह तो आप जानते ही हैं कि भारत में हिन्दू धर्म को मानने वाले लोग ज्यादा हैं। इस वजह से यहाँ गली-गली में आपको कई मंदिर देखने को मिल जायेंगे। हर मंदिर की अपनी एक ख़ासियत है। कई मंदिरों में चलने वाली परम्पराएँ भी अपने आप में ख़ास होती हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही अनोखे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी परम्परा आपको हैरान कर देगी।
बिहार के गंगटी गाँव में भगवान शिव का एक अनोखा मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण 1362 में किया गया था। इस मंदिर में एक दरबार लगाया जाता है। इस मंदिर की सदियों से यही परम्परा रही है कि यहाँ किसी भी व्यक्ति को सजा के तौर पर कसम खिलाई जाती है। ऐसा माना जाता है कि जो भी व्यक्ति यहाँ झूठी कसम खाता है, उसे खुद भगवान शिव दण्डित करते हैं। इसी आस्था और विश्वास के चलते इस मंदिर में दूर-दूर से लोग अपने विवादों का निपटारा करने के लिए आते हैं।
जानकारी के अनुसार अब तक इस मंदिर में सैकड़ों विवादों का निपटारा किया जा चुका है। स्थानीय लोगों के अनुसार इस मंदिर का निर्माण सन 1362 में किया गया था, तब से लेकर यहाँ कई तरह की मान्यताएं चर्चित हुई हैं। इस मंदिर की वजह से आजतक गाँव में किसी तरह की मुसीबत नहीं आयी है। यहाँ के लोग खुशहाली से जीवन बिता रहे हैं। इस प्राचीन शिव मंदिर में पाषणकालीन भगवान विष्णु की भी प्रतिमा स्थापित है। इसके साथ ही भगवान शिव के तीन शिवलिंग भी स्थापित हैं।
इस मंदिर में माता पार्वती, हनुमान जी और गणेश की की भी प्रतिमाएं स्थापित की गयी हैं। इस प्रतिमाओं के आधार पर यह कहा जा सकता है कि यह मंदिर अत्यंत की पौराणिक है। लोगों का कहना है कि सच्चे मन से माँगी गयी हर मन्नत इस मंदिर में पूरी होती है। मन्नत पूरी होने के बाद लोग यहाँ विधिवत पूजा-पाठ करते हैं। यहाँ दूर-दूर से श्रद्धालु अपने विवादों का निपटारा करवाने आते हैं। आने वाले दोनों पक्षों को यहाँ कसम खिलाई जाती है।
जो व्यक्ति झूठी कसम खाता है भगवन शिव उसे स्वयं सजा देते हैं। उसके बाद वापस इसी मंदिर में माफ़ी माँगने के बाद ही भगवान शिव का क्रोध शांत होता है और झूठी कसम खाने वाले व्यक्ति की सजा माफ़ होती है। इसी वजह से लोग यहाँ झूठी कसम खाने से बचते हैं। मंदिर की इस अद्भुत मान्यता की वजह से यहाँ दूर-दूर से लोग भगवान शिव का दर्शन करने और अपने विवादों का निपटारा करने के लिए आते हैं। इस मंदिर के परिसर में तोतों का बसेरा भी रहता है। ऐसा माना जाता है कि ये भगवान शिव के उपासक हैं।