चश्माा पहने हों या सिर गीला हो, न करें मोबाइल से बात.. जानिए मोबाइल उपयोग की जरूरी गाइडलाइंस
समय के साथ हमारी जीवन शैली पूरी तरह बदल चुकी है, आज हम अपने दिन की शुरूआत बिना मोबाइल देखे नही करते हैं.. सुबह उठने से लेकर रात में जब तक सो ना जाए तब तक मोबाइल हमारे हाथ या जेब में होता है। यहां तक की आधी रात तक लोग मोबाइल में ही लगे रहते हैं .. ज़ाहिर इतना अधिक प्रयोग तो नुकसानदायक होगा ही, वैसे भी अति किसी भी चीज की बुरी होती है और मोबाइल फोन के रेडिएशन तो बेहद खतरनाक होते हैं । ऐसे में सरकार ने इस बारे में बाकायदा गाइडलाइन जारी की है, जिसके जरिए ये जानकारी दी गई है कि कैसे मोबाइल का प्रयोग करना चाहिए और साथ ही ये भी चेताया है कि इसके रेडिएशन से बचकर रहें। तो चलिए जानते हैं इन गाइडलाइंस के बारे में.. चश्माा पहने हों या सिर गीला हो, न करें मोबाइल से बात :
दरअसल आपका सेल फ़ोन हर वक्त बेस स्टेशन यानी टावर को सिग्नल भेजता रहता है और सिग्नल भेजने की ये प्रक्रिया हमेशा जारी रहती है, चाहे आप अपने मोबाइल का इस्तमाल कर रहें हों या फिर उसे स्टैंड बाई मोड़ पर पर रखा हो। मोबाइल से निकलने वाली इन रेडियो तरंगों का निर्माण विकिरण यानी रेडिएशन से होता है और यही रेडिएशन शरीर पर हानिकारक प्रभाव डालती हैं। असल में मोबाइल से निकलने वाली रेडिएशन तीन तरह की होती हैं, थर्मल, नॉन थर्मल और मैग्नेटिक रेडिएशन और ये सभी रेडिएशन अलग अलग तरीके से शरीर को प्रभावित करती है। वैसे आज के समय में मोबाइल क प्रयोग से बचना तो सम्भव नहीं है इसलिए सरकार द्वारा मोबाइल के प्रयोग के लिए कुछ जरूरी गाइडलाइंस जारी किए गए जो इस प्रकार हैं..
सोते वक्त मोबाइल को अपने सिर के पास न रखें
कई लोगों सोते समय अपना मोबाइल अपने सिरहाने रखकर सोते हैं जबकि ये स्वास्थ के लिए बेहद हानिकारक है.. मोबाइल से निकलने वाले रेडिएशन सीधे आपके मस्तिष्क तक पहुंचते हैं जिससे मस्तिष्क का तापमान बढ़ता है और ये कई सारे मानसिक समस्याओं का कारण हो सकता है। जैसे कि मस्तिष्क में शिथिलता आज जाती है यानी दीमाग की कार्यक्षमता में धीमी पड़ जाती है .. साथ ही इससे मस्तिष्क में ट्यूमर का भी ख़तरा हो सकता है।
हमेशा मोबाइल का स्पीकर ऑन करके बात करें
अक्सर जब भी कोई कॉल आती है तो लोग सीधे मोबाइल कान पर लगाकर बात करना शुरू कर देते हैं लेकिन इससे स्वास्थ्य सम्बंधी खतरे बढ़ जाते हैं इसलिए ध्यान रखें जब भी आप किसी से मोबाइल पर बात कर रहे हों तो कोशिश कीजिए कि मोबाइल सीधे कान पर लगाने की बजाए उसका स्पीकर ऑन कर बात करें।
कमजोर सिग्नल में बात ना करें
मोबाइल पर बात करने के लिए इस बात का भी ध्यान रखें कि जब मोबाइल पर पूरा सिग्नल दिखाई दे तभी इससे कॉल लगाए.. क्योंकि कमजोर सिग्नल में कॉल करने पर मोबाइल को सिग्नल पहुंचाने में ज्यादा मेहनत करनी होती है। यानी ऐसी स्थिति में मोबाइल से नुकसान पहुंचने की सम्भावना भी ज्यादा होती है।
हमेशा शरीर से दूर रखें
साथ ही ये भी ध्यान रखें कि मोबाइल को शरीर से सटाकर या शरीर के किसी हिस्से पर ना रखें, ऐसा करना खतरनाक हो सकता है। इसलिए हमेशा सेलफोन का प्रयोग करते समय कुछ दूरी जरूरी बनाए रखें इससे रेडिएशन का प्रभाव कुछ हद तक कम हो सकता है..इसलिए जब भी आपकी कॉल लग जाए उसके बाद ही मोबाइल को अपने कान के पास ले जाएं।
बच्चों की पहुंच से मोबाइल दूर रखें
स्वास्थ्य सर्वे की माने तो मोबाइल के अधिक प्रयोग से बच्चों के मस्तिष्क पर घातक असर पड़ रहा है.. इसके कारण 10 से 15 साल तक के बच्चों में डिप्रेशन, एंजाइटी, अटैचमेंट डिसॉर्डर और मायोपिया जैसी गम्भीर बीमारियों की शिकायते मिल रही हैं। ऐसे जरूरी है कि बच्चों की मोबाइल की पहुंच से हर सम्भव दूर रखा जाए।
मरीजों से दूर रखें
साथ ही मोबाइल को मरिजो से भी दूर ही रखना चाहिए , इसलिए मोबाइल को मरीजों से कम से कम छह इंच तक दूर रखें, या फिर उनके पास बिल्कुल न ले जाएं।
चश्मा पहने हों तो मोबाइल से बात न करें
चश्मा पहनकर फोन पर बात ना करें, क्योंकि असल में चश्मों के फ्रेम धातु से बने होते है और धातु रेडियो तरंगों के लिए बेहतरीन सुचालक का कार्य करती है इसलिए चश्मा पहनने की स्थिति में रेडिएशन का खतरा बढ़ जाता है।
बाल गीले हो तो भी ना करें मोबाइल से बात
इस अलावा जब आपका सिर गीला हो या फिर नहाने के तुरंत बाद मोबाइल फ़ोन का इस्तेमाल ना करें… क्योंकि धातु की तरह ही पानी भी रेडियो तरंगों के बेहतरीन सुचालक होती है ऐसे में गीले बालों के साथ मोबाइल पर बात खतरनाक साबित हो सकता है ।
जहां तक सम्भव हो मैसेज से बात करें
मोबाइल के खतरनाक रेडिएशन से बचने का सबसे बेहतर विकल्प है कि जब तक जरूरी न हो कॉल करने के बजाए मैसेज के माध्यम से बातचीत की जाए ।