12 वर्षीय लड़की ने चूहे के लिए दे दी अपनी जान, वजह जानकर आप भी चौंक जाएंगे!
इस दुनिया में आत्महत्याओं का दौर रुकने का नाम नहीं ले रहा. आए दिन कोई ना कोई खुदखुशी की घटना अखबारों की सुर्ख़ियों मी बनी ही रहती है. लोगों का खुदखुशी करना आम बात हो गया है. इसका कारण उनकी शारीरक या मानसिक कमजोरी होती है. जब किसी व्यक्ति को उसका प्यार नहीं मिलता या प्यार में धोखा मिल जाए तो वह जीने की उम्मीद छोड़ कर मरना ही अपना लक्ष्य बना लेता हैं. ठीक ऐसे ही अगर कोई आर्थिक या मानसिक परेशानी से जूझते जूझते तंग आ जाए तो वह अपनी जीवन लीला समाप्त करना ही बेहतर समझता है.
आज तक आपने बहुत सारी आत्महत्याएं सुनी या देखी होंगी. लेकिन, आज हम आपको एक ऐसी आत्महत्या के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे जानकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे. दरअसल, हाल ही में एक बच्ची ने अपने पालतू चूहे की मौत के गम में आकर अपनी जान दे दी. हालांकि, आपको हमारी बात पर यकीन करना मुश्किल होगा. लेकिन, ये घटना एकदम सच्ची है. आपके दिमाग में भी ये सवाल चल रहा होगा कि भला कोई चूहे के लिए कैसे मर सकता है? बहरहाल चलिए जानते हैं इस पूरी घटना के बारे में…
दरअसल ये पूरा मामला भोपाल जिले का है. यहाँ रहने वाली 12 वर्षीय दिव्यांशी राठौर ने अपने घर पर सफेद रंग का चूहा पाल रखा था. आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि सातवी कक्षा में पढने वाली दिव्यांशी अपने चूहे को बहुत प्यार करती थी.
बच्चें प्यार के भूखे होते हैं. ऐसे में उन्हें जहाँ से भी थोडा प्यार मिल जाए, वह उसी के हो कर रह जाते हैं. कुछ ऐसा ही दिव्यांशी के साथ भी हुआ. आम लोगों की तरह दिव्यांशी भी अपने पालतू जानवर यानि चूहे से काफी प्यार करती थी. लेकिन, किसी कारण एक दिन उसके चूहे की मौत हो गई. अचानक से चूहे का खुद से दूर होना दिव्यांशी सहन नही कर पाई और गहरे सदमे में चली गई. इसी सदमे के चलते हाल ही में दिव्यांशी ने दुप्पटे से फंदा बना कर अपनी जान दे दी.
इंसान के साथ जो भी कुछ दिन रह ले, वह इंसान उससे काफी लगाव लगा बैठता है. ठीक वैसा ही दिव्यांशी के साथ भी हुआ. पुलिस ने बताया कि कुछ ही दिन पहले दिव्यांशी के पिता पालने के लिए सफेद चूहा घर लाए थे. धीरे धीरे दिव्यांशी उसके साथ काफी घुल-मिल गई थी. परंतु, अचानक से अपने नन्हे दोस्त के दुनिया से चले जाने का दुख दिव्यांशी से सहन नहीं हुआ और उसने खुद को ख़त्म करने की ठान ली.
दिव्यांशी के पिता से पुलिस ने जब पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि दिव्यांशी काफी अलग स्वभाव की थी. उसको जानवरों से काफी लगाव था. चूहे मरने से एक महीने पहले ही उसका पालतू कुत्ता मर गया था. जिसके गम में वह काफी समय तक तनाव में रही थी. दिव्यांशी के पिता ने बताया कि चूहे की मौत के बाद वह उसकी लाश को घर में मौजूद क्यारी में दफना आई और साथ ही वहां उसने कुछ फूल भी अर्पित कर दिए. इस तरह अपने चूहे की अंतिम संस्कार रस्मों को संपन्न करके वह अपने कमरे में चली गयी. जब घंटो कमरे से दिव्यांशी बाहर नहीं आई तो घरवालो ने कमरे का दरवाज़ा तोड़ दिया. वहां दिव्यांशी दुप्पटे से फंदा बना कर तब तक मर चुकी थी. फिलहाल पुलिस इस मामले की तफदीश में जुटी हुई है. चूहे के लिए खुद को मारना पुलिस के लिए भी एक गुत्थी बन कर उलझ चुका है.