यह तरीका बताएगा कब दूर होने वाला है आपका बुरा समय, यकीन नहीं तो एक बार आज़मा कर देखें
जीवन में सफल हर कोई होना चाहता है और इसके लिए वह कड़ी मेहनत भी करता है. लेकिन ज़रूरी नहीं जो मेहनत करे उसे सफलता मिल ही जाए. बहुत लोग कड़ी मेहनत के बावजूद उस मुकाम पर नहीं पहुंच पाते जहां वह पहुंचना चाहते हैं. पर कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें बिना मांगे सब कुछ मिल जाता है. बिना कोई मेहनत किये वह सफलता की उंचाइयों को छूने लगते हैं. ऐसे लोगों की किस्मत बहुत अच्छी होती है. आज हम इस आर्टिकल में बात करेंगे कि कैसे सिक्स्थ सेंस की मदद से इंसान अपने बुरे समय को दूर कर सकता है. सिक्स्थ सेंस मानसिक चेतना से जुड़ी एक प्रक्रिया होती है. वैसे तो दुनिया के हर व्यक्ति में सिक्स्थ सेंस मौजूद होता है तभी तो कुछ लोगों को घटने वाली कुछ ख़ास घटनाओं का अंदाज़ा पहले से ही लग जाता है. यह भी कहा जाता है कि बड़ों की तुलना में यह सेंस बच्चों में ज्यादा सक्रिय होता है. बड़े होने के साथ-साथ यह सेंस कम भी होने लगता है. इसलिए यदि आपकी उम्र ज्यादा हो चुकी है इसके बावजूद आप चाहते हैं कि आपका सिक्स्थ सेंस एक्टिव रहे तो उसके लिए आपको बताये गए कुछ तरीके अपनाने होंगे.
सिक्स्थ सेंस को आप सूर्य और चंद्रमा के त्राटक से भी बरक़रार रख सकते हैं. सूर्य त्राटक में आपको सुबह के समय सूर्य पर ध्यान लगाना होता है और चंद्रमा त्राटक में चांद पर. इसके अलावा घर पर ही मोमबत्ती या दीपक के मदद से भी त्राटक किया जा सकता है. कैसे, आईये जानते हैं.
इस तरह से करें दीपक या मोमबत्ती की मदद से त्राटक
इसके लिए सबसे पहले आप अंधेरे वाली कोई जगह ढूंढ लें या फिर किसी अंधेरे कमरे में ध्यान लगाकर बैठें और दीपक या मोमबत्ती को अपनी आंखों की सामान ऊंचाई वाली जगह पर रखें. उसके बाद दीपक/मोमबत्ती जलाकर उसे तब तक देखें जब तक आपकी आंखें थक नहीं जाती या आंखों से आंसू नहीं आ जाते. ऐसा हो जाने पर आंखों को बंद कर लें और थोड़ा आराम दें. इस क्रिया को कम से कम 3 से 4 बार रिपीट करें. इसे रोज़ करने का प्रयास करें. यदि आप लंबे समय तक ऐसा करेंगे तो बिना पलक झपकाए 10 या 15 मिनट के लिए आपकी दृष्टि जमनी शुरू हो जाएगी. सिक्स्थ सेंस की इस प्रक्रिया को हम त्राटक कहते हैं. ऐसा करते रहने से इंसान की सिक्स्थ सेंस धीरे-धीरे एक्टिव होने लगती है.
- इसे किसी योग्य योग शिक्षक के निर्देश में करें.
- यह आपकी आंखों को साफ़ और चमकदार करके आंखों की रौशनी को भी बढ़ाता है.
- इससे अध्यात्मिक शक्तियों का विकास होता है और यह दिमाग के विकास के लिए भी फायदेमंद है.
- यह बुद्धि को तेज़ बनाता है और एकाग्रता बढ़ती है.
इसके अलावा मेडिटेशन के द्वारा भी आप सिक्स्थ सेंस को एक्टिव कर सकते हैं. रोजाना मेडीटेट करने की कोशिश करें. रोज़ ऐसा करने से आपका सिक्स्थ सेंस एक्टिव हो जाएगा और भविष्य में घटने वाली घटनाओं का आभास आप पहले से ही कर सकेंगे.