महिलाएं भेज रही हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हज़ारों सेनेटरी नैपकीन, जानिए क्यों
वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समाजिक मुद्दों के प्रति खास संवेदनशील हैं.. खासकर महिलाओं के हक और कल्याण के लिए वो लगातार प्रभावी कदम भी उठा रहे हैं और यही वजह है कि आधी आबादी यानी महिलाएं भी उनसे ढ़ेरों उम्मीदें लगाए बैठी हैं और अब ऐसी कुछ उम्मीद को लेकर महिलाओं ने हज़ारों सेनेटरी नैपकीन प्रधानमंत्री को भेजने की तैयारी कर ली है। दरअसल कुछ माह पहले लागू हुए जीएसटी से महिलाओं द्वारा पीरिएड्स के दिनों में उपयोग की जाने वाली सेनेटरी नैपकीन की कीमतें बढ़ गई हैं .. ऐसे में महिलाओं का एक वर्ग मैसेज लिखें नैपकिन पीएम को भेजकर उनसे गुहार लगा रहा है कि सेनेटरी नैपकीन को जीएसटी के दायरे से बाहर लाया जाए।
ये शायद पीएम मोदी की सामाजिक मुद्दों और महिलाओं के हितों के निष्ठा है कि महिलाएं उनसे अपने हक और सम्मान की बात रखने में कोई संकोच नही कर रही हैँ।वर्तमान सरकार के “बेटी बचाओं, बेटी पढ़ाओं” जैसे अभियान ने जहां लड़कियों के पालन पोषण के प्रति अभिभावको को जागरूक किया है, वहीं उज्जवला योजना के जरिए गरीब महिलाएं को रसोई गैस उपलब्ध कराई.. और इनसे सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण रहा कि निर्णय ‘तीन तलाक’ के अत्याचार से मुस्लिम महिलाओं को मुक्ति दिलाने के लिए कानून बनने जा रहा है। ऐसे में वर्तमान सरकार से हर वर्ग की महिलाओं में अपने हक और सम्मान की आस सी जग गई है।
महिलाएं खुलकर अपनी बात रखने को आज सक्षम हैं और इसी कड़ी में जीएसटी के दायरे से सेनेटरी नैपकीन को कर मुक्त कराने के लिए महिलाएं सरकार से अपील कर रही हैं। इसके लिए मध्य प्रदेश के ग्वालियर की महिलाओं ने अभियान चलाया है और फैसला किया है कि वो महिलाओं के हस्ताक्षरित एक हजार नैपकीन और पोस्टकार्ड प्रधानमंत्री को भेजेंगी।
अभियान की सदस्या ग्वालियर निवासी प्रीति देवेंद्र जोशी का इस बारे में कहना है कि “सेनेटरी नैपकीन तो पहले से ही काफी महंगा था और महंगाई के दौर में हर महिला नैपकीन आसानी से नहीं खरीद पाती थीं.. ऐसे में जीएसटी के बाद तो वो और भी महंगा हो गया है। जिसका नतीजा ये है कि सेनेटरी नैपकीन का उपयोग मीडियम वर्ग की महिलाएं तक नहीं कर पा रही हैं, जबकि गरीब महिलाएं तो इसे खरीदने की सोच भी नहीं सकतीं.”
वहीं इस अभियान की दूसरी सदस्या उषा धाकड़ ने बताया कि , “इस अभियान में किशोरियों, युवतियों और महिलाओं से नैपकीन पर उनका नाम और संदेश लिखवाया जा रहा है.. इस अभियान का पहला चरण पांच मार्च तक चलेगा और उसके बाद पोस्टकार्ड के साथ हस्ताक्षर युक्त एक हजार पैड प्रधानमंत्री को भेजकर हम मांग करेंगे कि सेनेटरी नैपकीन पर लागू 12 प्रतिशत जीएसटी सहित अन्य करों को खत्म किया जाए.”
गौरतलब है कि इस आंदोलन की रूपरेखा के अनुसार पांच मार्च को एक हजार नैपकीन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पोस्टकार्ड के साथ भेजे जाएंगे। वहीं दूसरे चरण में एक लाख और तीसरे चरण में पांच लाख नैपकीन भेजे जाएंगे… जिसके लिए ये देशव्यापी अभियान शुरू हो चुका है। इस अभियान में एमपी के अलावा बिहार और महाराष्ट्र समेत अन्य प्रदेशों की महिलाओं की हिस्सेदारी भी बढ़ रही है और खासकर इसमें ज्यादा सहयोग नवयुवतियों का मिल रहा है।