यहां शादी के बाद नई-नवेली दुल्हनों से कराया जाता है शर्मनाक काम, जानकर रोगंटे खड़े हो जाएंगे
शादी को लेकर हर लड़की के मन में हजारो सपने पलते हैं.. अपने होने वाले जीवनसाथी से लेकर अपने ससुराल में अपने भावी जीवन के लिए कई सारे सपने सजाती है। एक लड़की के लिए उसकी शादी जीवन की सबसे बड़ी एक रस्म होती है और उम्मीद होती है कि इसके बाद उसके जीवन में खुशियां ही खुशियां आएंगी । लेकिन आज हम आपको एक ऐसे समुदाय के बारे में बताने जा रहे हैं जहां शादी के बाद लड़कियों के हिस्से में खुशियां नहीं बल्कि दुश्वारियां आती है । दरअसल यहां शादी के अगले ही दिन नई नवेली दुल्हन से ससुराल वाले वो काम करवाते हैं जिससे उनका जीवन नर्क बन जाता है।
वैसे तो परम्पराओं के नाम पर बहुत सारी गलत हरकते आज भी हमार समाज में हो रही हैं। लेकिन जो काम इस समुदाय में परम्परा के मान पर किया जाता है वो वाकई बेहद शर्मनाक है । दरअसल हस बात कर रहें हैं देश की राजधानी दिल्ली के उस इलाके कि जहां घर की दुल्हनों को शादी के बाद जिस्मफरोशी के धंधे में धकेल दिया जाता है और खुद ससुराल वाले ही उनके लिए ग्राहक ढूंढ़ कर लाते हैं। जी हां, शायद ये सुनकर आपको यंकीन ना होगा लेकिन मीडिया रिपोर्टो की माने तो दिल्ली के नफजगढ़ के प्रेमनगर बस्ती में रहने वाले इस समुदाय में ये काम सालों से होता चला आ रहा हैं।
‘परना समुदाय’ के नाम से जाने वाले इस समुदाय में 12 से 15 साल की उम्र में ही लड़कियों की शादी करा दी जाती है। लेकिन उससे बड़ी ज्यादती इन लड़कियों के साथ ये होती है कि शादी के बाद इन्हे घर के काम-काज के साथ ही गैर मर्दों के साथ सम्बन्ध भी बनाने पड़ते हैं। इसके लिए यहां कि औरते और लड़कियां रात में ही घर का सारा काम निपटा लेती हैं और फिर दिन में वो धंधे के लिए निकल पड़ती है। ऐसा करना इनके लिए हर दिन का दिनचर्या बन चुका है और अगर कोई लड़की इसे करने से मना करती है तो उसे उसके घर वाले प्रताड़ित करते हैं। ऐसे में मजबूरी में औरते अपने समुदाय के इस वाहियात परम्परा का पालन करती चली आ रही हैं।
कहते हैं कि इस समुदाय में पैदा होने वाली हर लड़की को ट्रेनिंग के लिए दलालों को सौंप दिया जाता है और वास्तव में देखा जाए तो इस समुदाय में होने वाली शादी आम शादियों जैसी नही होती है बल्कि यहां जो भी लड़की की सबसे ज्यादा बोली लगाता है उसे लड़की पक्ष अपनी लड़की सौंप देते हैं।इस तरह ये शादी, शादी ना होकर सौदा होता है जो पहले लड़की और लड़के पक्ष वाले आपस में करते हैं और उसके बाद हर रोज लड़के वाले यानी ससुराल करते हैं । यहां अपने घर की दुल्हनों के लिए खुद ही ससुराल वाले ग्राहक ढूंढते हैं।
वैसे तो इस समुदाय और इसकी शर्मनाक परम्परा के बारे में मीडिया में बहुत कुछ खुलास हो चुका है लेकिन फिर भी आज तक इसमें कोई बदलाव नही आया । ना ही किसी समाजसेवी संगठन ने इसके लिए कोई कदम उठाया और ना ही स्त्री सशक्तिकरण का आवाज बुलंद करने वाले देश के हुक्मरानों ने इनके लिए कुछ किया। इसे देख तो यही कह सकते हैं आधी अबादी को वास्तव में आजादी नही मिली है।