पोस्मार्टम टेबल पर अचानक खर्राटे लेने लगी ‘डेड बॉडी’, फिर जो हुआ य़कीन करना मुश्किल
पोस्मार्टम टेबल पर डेड बॉडी के शव का परिक्षण करना दुर्लभ कार्य है जिसे बेहद पेशेवर डॉक्टर ही अंज़ाम दे पाते हैं, आम लोगों को ये बेहद विभत्स और डरावना लगता है । ज़ाहिर है इस कार्य को करने के लिए प्रशिक्षण के साथ-साथ दिल भी मजबूत होना चाहिए। विशेषज्ञ डॉक्टर्स इसी हुनर और ज़ज्बे के साथ बिना किसी झिझक और डर के इसे अंज़ाम देते हैं लेकिन हाल ही में पोस्मार्टम टेबल पर कुछ ऐसा हुआ जिसने पोस्मार्टम करने वाले डाक्टरों के भी होश उड़ा दिए। दरअसल स्पेन में पोस्मार्टम हॉउस में आई डेड बॉडी जब परिक्षण के लिए पोस्मार्टम टेबल पर लाई गई तो अचानक ही वो खरार्टे लेने लगी और उसके बाद जो हुआ उसे देख पोस्मार्टम कर्मी भी सकते में आ गए।
असल में ये वाक्या एक स्पैनिश कैदी के साथ हुआ है जिसे मृत घोषित करने के बाद उसकी बॉडी पोस्मार्टम हॉउस लाई गई लेकिन जब उसका शव परिक्षण के लिए खोला गया तो खर्राटे की आवाज से उसकी जिंदगी बच गई। स्पैनिश मीडिया के अनुसार स्पेन के ओवीडो शहर के एक जेल में जब सुबह के समय गोंजालो मोटोया जिमेनेज नाम के एक कैदी की नींद अलार्म से नहीं खुली तो जेल प्रशासन ने उसकी जांच कराई जिसमें तीन डाक्टरों की एक टीम ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद उस कैदी की बॉडी को बैग में डाल शव परीक्षण के लिए भेज दिया गया। वहां पोस्मार्टम कर्मियों ने 29 वर्षीय गोंजालो की बॉडी को खोला और उस पर छुरी चलाने के लिए मार्क भी बना लिए लेकिन तभी टेबल पर पड़ी उस बॉडी में हरकत सी होने लगी और खरार्टे लेने लगी।
ये देख पोस्मार्टम करने वाले डॉक्टर सकते में आ गए .. उन्होने गोंजालो की बॉडी का पोस्टमार्टम छोड़ उसकी जान बचाने की सोची। उसके बाद उस कैदी को इमरजेंसी रूम में ले जाया गया और उसकी ट्रीटमेंट शुरू की गई । फिलहाल उस कैदी की देखभाल की जा रही है जहां वो अब तेजी से ठीक हो रहा है।
इस मामले में कैदी के परिवार वालो ने जेल प्रशासन से लेकर उन तीन डॉक्टर्स पर लापरवाही का आरोप लगाया है ..उनका कहना है की ये बड़ी चूक है.. परिजनो ने मीडिया को बताया कि तीनों में से सिर्फ एक डॉक्टर ने गोंजालो की जांच की और बाकी दो डॉक्टरों ने सीधा उसे मृत घोषित कर दिया।
स्पैनिश मीडिया रिपोर्ट के अनुसार स्थानीय प्रशासन ने इनवेस्टिगेशन टीम को ऑर्डर दिया है कि इस बात का पता किया जाए कि अगर गोंजालो की मौत नहीं हुई थी तो उसे मृत घोषित क्यों किया गया?