बेटी के पेट में हो रहा था दर्द, राहत दिलाने के चक्कर में माँ बाप ने ली दोनों बच्चियों की जान!
मौड़ मंडी (बठिंडा): जैसा कि हम सभी जानते ही हैं कि इन दिनों ठंड काफी जोरों से चल रही है. ऐसे में इस ठंड से राहत पाने के लिए लोग हर संभव प्रयास करने में जुटे हुए हैं. इसी बीच प्राचीन दुर्गा माइसरखाना मंदिर के भंडारे में काम करने वाले एक नेपाली परिवार में गैस चढ़ने से दो बहनों की मृत्यु हो गई. मिली जानकारी के अनुसार इस घटना में घर के तीन और अन्य सदस्य बेहोश हो गए थे. फिलहाल तीनों का इलाज बठिंडा के निजी अस्पताल में चल रहा है. डॉक्टर के अनुसार अब तीनों की हालत खतरे से बाहर है. मिली रिपोर्ट के अनुसार प्राचीन दुर्गा मंदिर के परिसर में रहने वाले एक नेपाली परिवार को शुक्रवार की सुबह बेहोशी की हालत में पाया गया. इस परिवार में पति-पत्नी के संवेदन की 3 बच्चियां शामिल थी जिनमें से दो की मौके पर ही मृत्यु हो गई थी.
डॉक्टर्स के अनुसार 10 वर्षीय रंजना और 8 वर्षीय मनीषा मौके पर ही मर चुकी थी. जानकारी के अनुसार नेपाल निवासी लक्ष्मण सुनार पिछले 7 सालों से मंदिर के भंडारे में खाना बनाने का काम करता था और वही कमरे में पत्नी और बच्चों के समेत रहता था. लक्ष्मण की पत्नी मीणा ने बताया कि हर रोज की तरह वह रात को करीब 9:30 बजे ही सोने के लिए कमरे में चले गए थे. जिसके बाद उनकी बेटी मनीषा को पेट दर्द होने लग गया. मीणा ने बताया कि अपनी बच्ची को ठंड से राहत दिलाने के लिए उन्होंने कमरे में आग जला ली थी.
आग जलाने के कुछ समय बाद ही उन्होंने उस आग को बुझा कर कमरे से बाहर रख दिया. इसके बाद दूसरी बच्ची भी दर्द से चिल्लाने लगी. अपनी बच्चियों को ठंड ना लग जाए ऐसा सोच कर मां बाप ने फिर से कमरे में आग जलाकर रख दी और सोने के लिए चले गए. सुबह घर से किसी प्रकार की हलचल ना देखते हुए पास मौजूद लोगों ने उनके कमरे का दरवाजा तोड़ा तो वह पांचो बेहोश पड़े थे. जिसके बाद उन्होंने पूरे परिवार को अस्पताल पहुंचा दिया.
आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि इस प्रकार की घटनाएं अक्सर देखने को मिलती ही है. अभी 4 साल पहले ही बठिंडा के बाबा दीप सिंह नगर में रह रहे मिस्त्री अमनदीप सिंह और उसकी पत्नी कांता देवी की अंगीठी की गैस के चलते मौत ही गई थी जबकि, उनकी तीन महीने की बच्ची रजाई मे रहने के कारण जिंदा बच गई थी. बिल्कुल ऐसा ही इस नेपाली परिवार के साथ भी हुआ जहां अंगीठी की गैस कमरे में फैलने से दो बहनों की मौत हो गई और बाकी तीनों सदस्य बेहोश हो गए. परिवार की इस लापरवाही से उनकी दो बच्चियों को मौत का मुंह देखना पड़ा. मिली जानकारी के अनुसार डॉक्टर पवन गर्ग ने बताया कि यह 5 सदस्य बेहोशी की हालत में उनके अस्पताल पहुंचे थे.
डॉक्टर पवन गर्ग के अनुसार कमरे में नाइट्रोजन ऑक्साइड का स्तर बढ़ जाने से दोनों बहनों की मृत्यु हो गई थी जबकि तीनों अभी बेहोशी की हालत में है. इसके इलावा डॉक्टर भूपिंदर सिंह का कहना है कि जब भी आप कमरे में अंगीठी या आग चलाएं तो इस बात का ध्यान रखें कि वह कमरा पूरी तरह से बंद ना हो. जहां लोग ठंड से बचने के लिए अंगीठी का इस्तेमाल करते हैं, वही अंगीठी कई बार उनकी जान की दुश्मन बन जाती है.