भारत के इस हथियार से पाकिस्तान को आज भी आते हैं बुरे सपने!
इससे पहले कि हम आपको ये बताएं कि पाकिस्तान इससे क्यों घबराता है, आइए इससे जुड़ी कुछ बातें जान लेते हैं। Secret Weapon Kali
भारत का टॉप सीक्रेट वेपन काली, जिसका नाम सुनते ही पाकिस्तान कि नीदें उड़ जाती हैं। ये बिना परछाई वाला हथियार टॉप सीक्रेट वेपन काली दुश्मन के इलाके में दबे पांव ऐसे घुसता है कि उसको न तो दुनिया का कोई रडार ही पकड़ पाता है और न ही कोई इसके कदमों की आहट सुन पाता है। दुश्मन के इलाके में तबाही मचाने के बाद यह वहां अपनी मौजूदगी के सबूत तक नहीं छोड़ता है।
“भारत का अदृश्य तरंगों वाला यह ब्रह्मास्त्र टॉप सीक्रेट वेपन काली (Secret Weapons Kali) कितना खतरनाक और महत्वपूर्ण है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने राष्ट्रहित का हवाला देकर लोकसभा तक में इससे संबंधित कुछ भी जानकारी देने से साफ इनंकार कर दिया है।”
भारत में इसके निर्माण (Secret Weapon Kali) का इतिहास –
भारत गोपनीय तरीके से वर्ष 1989 से टॉप सीक्रेट वेपन काली मिशन पर अनुसंधान कर रहा है। वर्ष 1985 में भाभा एटोमिक रिसर्च सेंटर (बार्क) के डायरेक्टर डॉ. आर. चिदंबरम ने इसकी योजना बनाई थी। डीआरडीओ इस मिशन में बार्क के साथ मिलकर काम कर रहा है।
इस सीक्रेट योजना के तहत जिस सीक्रेट वेपन को बनाने की कोशिश की जा रही है, उसका नाम है काली (किलो एंपीयर लीनियर इंजेक्टर)। काली एसीलिरेटर इलेक्ट्रान की ऊर्जा को इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन में बदल कर हाई एनर्जी वाली तरंगों में बदल देता है। हाई एनर्जी वाली ये तरंग दुश्मन की मिसाइलों और लड़ाकू जहाजों पर बेआवाज बिजली की तरह कहर बनकर गिरती है और पलक झपके ही जला कर खाक कर देती है।
पाकिस्तान पर पहले भी हो चुका है इसका इस्तेमाल –
आपको शायद ही मालूम हो कि 5 अप्रैल 2012 में पाकिस्तान के कब्जे वाले सियाचिन के ग्यारी सेक्टर में भयानक बर्फानी तुफान आया था और वहां एक ग्लेशियर का बड़ा हिस्सा गिर गया था, जिसमें पाकिस्तान आर्मी का बेस कैंप पूरी तरह तबाह हो गया था और उसके करीब 140 सैनिक भी मारे गए थे।
पाकिस्तान के रक्षा वैज्ञानिकों का दावा है कि इतना बड़ा पहाड़ तब तक नहीं गिर सकता था जब तक कि उसको काटा न जाए. उनका शक भारत पर है कि उसने अपने काली वेपन के जरिए इसको काटकर गिराया है।
काली ( Secret Weapon Kali )कुछ इस प्रकार काम करता है –
बहराल, टॉप सीक्रेट वेपन काली हवाई जहाज और मिसाईल के इलेक्ट्रॉनिक, इलेक्ट्रिक सर्किट और चिपों को इलेक्ट्रॉन माईक्रोवेव तरंगों के शक्तिशाली प्रहार से फेल कर सेकंडों में गिरा सकता है। यही नहीं, इसकी बीम के जरिए यूएवी और सेटेलाइट को भी गिराया जा सकता है।
यदि सरकार चाहे तो टॉप सीक्रेट वेपन काली के जरिए पाकिस्तान के सीमावर्ती आयुध भंडार को भारत में बैठकर ही तबाह किया जा सकता है। भारत के अलावा अमेरिका और रूस भी इसको विकसित करने में जुटे हैं, लेकिन भारत इस मामले में काफी बढ़त लिए हुए है।