जीवन में सफलता और शांति पानें के लिए करें सूर्यदेव के मन्त्रों का जाप, होगी धन की बरसात
हिन्दू धर्म में वैसे तो कई देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना की जाती है, लेकिन कुछ देवता बहुत ख़ास होते हैं। उन्ही में से एक हैं भगवान आदित्य यानी सूर्यदेव। इनके बारे में कहा जाता है कि यही एकमात्र ऐसे हिन्दू देवता हैं, जिसे साक्षात् रूप में देखा जा सकता है। सूर्यदेव ने इस पृथ्वी पर जीवन का संचार किया है। अगर सूर्यदेव नहीं होते तो इस पृथ्वी पर जीवन संभव नहीं होता। इन्होने अपनी किरणें पृथ्वी की चारो दिशाओं में फैलाकर जीवन का संचार किया है।
सूर्यदेव को आरोग्य का देवता माना जाता है। अक्सर आपने बड़े-बड़े हॉस्पिटल में सूर्यदेव के चित्र लगे हुए देखे होंगे। लोग उनसे निरोगी जीवन की कामना करते हैं। सूर्यदेव की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करके जीवन में सफलता, मानसिक शांति पायी जा सकती है। इनकी पूजा करने से व्यक्ति के अन्दर शक्ति का संचार होता है। सूर्यदेव की पूजा के दौरान गायत्री मंत्र के अलावा भी कई मन्त्रों का प्रयोग किया जाता है।
सभी धर्म के लोग अपनी-अपनी प्रार्थना के दौरान किसी ना किसी मंत्र का जाप करते ही हैं। हिन्दू धर्म में मंत्रों की कोई गिनती नहीं है। आज हम आपको सूर्यदेव की पूजा के दौरान जपने वाले कुछ महत्वपूर्ण मन्त्रों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके जाप के बाद आप जीवन में सफलता प्राप्त करना शुरू कर देंगे। सूर्यदेव के किसी भी मंत्र का जाप व्यक्ति को अपनी सुविधा के अनुसार करना चाहिए।
ज्योतिशास्त्र के अनुसार सूर्य यश और मान-सम्मान में वृद्धि का करक होता है। अगर आपकी कुंडली में सूर्य शुभ होकर कमजोर है तो किसी भी सुर्यमंत्र का जाप करें। सूर्य के मंत्रों का जाप कम से कम 7000 बार करना चाहिए। विद्वानों के अनुसार सूर्यदेव के मंत्रों का जाप शुक्लपक्ष के रविवार से शुरू करना चाहिए। निर्धारित समय में व्यक्ति इन मन्त्रों का जाप अपनी सुविधा के अनुसार ख़त्म कर सकता है।
सूर्यदेव के मंत्र:
सूर्य वैदिक मंत्र:
ऊँ आकृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन्नमृतं मर्त्यण्च ।
हिरण्य़येन सविता रथेन देवो याति भुवनानि पश्यन ।।
सूर्य तंत्रोक्त मंत्र:
ऊँ घृणि: सूर्यादित्योम
ऊँ घृणि: सूर्य आदित्य श्री
ऊँ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय: नम:
ऊँ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नम:
सूर्य नाम मंत्र:
ऊँ घृणि सूर्याय नम:
पौराणिक मंत्र:
जपाकुसुम संकाशं काश्यपेयं महाद्युतिम ।
तमोsरिं सर्वपापघ्नं प्रणतोsस्मि दिवाकरम ।।
सूर्य गायत्री मंत्र:
ऊँ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्न: सूर्य: प्रचोदयात
सूर्य देव के अन्य मंत्र:
*- व्यक्ति अगर पुत्र प्राप्ति की कामना करता है तो उसे सूर्यदेव के इन मंत्रों का जाप करना चाहिए।
ऊँ भास्कराय पुत्रं देहि महातेजसे।
धीमहि तन्नः सूर्य प्रचोदयात्।।
*- अगर व्यक्ति असाध्य रोगों से परेशान है तो उसे सूर्यदेव के इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
ऊँ हृां हृीं सः सूर्याय नमः।।
*- अगर व्यवसाय में वृद्धि नहीं हो रही है तो सूर्यदेव के इस मंत्र का जाप करना फायदेमंद होता है।