अब कभी लेट नहीं होंगी ट्रेन, बस ‘नाम’ बदलकर किसी भी रूट पर चल पड़ेगी
नई दिल्ली – भारत में हर रोज लगभग करोड़ों लोगों को ट्रेनों के लेट होने से परेशानी का सामना करना पड़ता है। आमतौर पर देखा जाता है कि बहुत कम ट्रेने ऐसी होती हैं, जो समय पर अपने निर्धारित स्थान पर पहुंचती है। विशेषकर सर्दियों में कोहरे के दौरान ट्रेनों का लेट होना आम बात है। कभी कभी अधिक लेट होने की वजह से ट्रेन रद्द भी हो जाती हैं जिसकी वजह से करोड़ों लोगों को परेशानी होती है। लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि भारतीय रेल ट्रेनों को स्टैंडर्ड बनाने के लिए ऐसा प्लान बना रहा है जिससे कोई भी ट्रेन नाम बदलकर किसी भी रुट पर जा सकेगी। Old singerling of railway will change.
दरअसल, भारतीय रेलवे 160 साल पुरानी अपनी सिंग्रलिंग प्रणाली को बदलने जा रहा है। इसकी जगह आधुनिक सिग्रलिंग सिस्टम को स्थापित किया जाएगा, जिससे न सिर्फ रेलगाड़ियों की रफ्तार बढ़ेगी बल्कि किसी भी ट्रेन का नाम बदलकर किसी भी रुट पर भेजा जा सकेगा। इससे यात्री समय पर अपने मंजिल पर पहुंच सकेंगे। फिल्हाल रेलवे इस प्रणाली पर काम कर रहा है। यह प्रणाली आने वाले कुछ सालों में काम करने लगेगी। भारतीय रेलवे को पूरी तरह से नया बनाने के लिए हाईटेक तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है।
इस संबंध में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारतीय रेलवे ट्रेनों के मानकीकरण की योजना बना रहा है जिससे सभी ट्रेन सभी रूट पर चल सकेंगी। इसके अतिरिक्त सभी ट्रेनों में 22 डिब्बे होंगे। नई प्रणाली में सभी ट्रेनों में 22 डिब्बे होंगे, जिसके लिए देश के कई प्लेटफॉर्म का आकार भी बढ़ाया जाएगा। आपको बता दें कि अभी ट्रेन के डिब्बे दो प्रकार (आईसीएफ और एलएचबी) के होते हैं। अमुमन ट्रेनों में डिब्बों की संख्या 12,16,18, 22 अथवा 26 होती है, लेकिन अब हर ट्रेन में 22 डिब्बे होंगे।
यानि इसका मतलब ये है कि कोई ट्रेन अगर लेट है तो हर ट्रेन में डिब्बों की संख्या समान होने से किसी भी ट्रेन को इस रुट पर भेजा जा सकेगा। इसके लिए रेलवे ने 300 से अधिक ट्रेनों और उनके रूट की पहचान की है। दूसरे चरण में और ट्रेनों को ऐसी प्रणाली से सुसज्जित किया जायेगा। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि जल्द ही इस प्रणाली को स्थापित करने का काम शुरु किया जायेगा और आने वाले कुछ सालों में यह देश के हर ट्रेन में लगाई जायेगी। आपको बता दें कि रेलवे ने इस साल कुल 769 ट्रेनों की गति बढ़ाई है। जिसकी वजह से कुछ ट्रेनों की गति बढने से यात्री समय पर अपनी मंजिल पर पहुंच रहे हैं।