नॉर्मल डिलीवरी चाहती हैं तो अपनाएं ये आसान टिप्स, नहीं आएगी ऑपरेशन की नौबत
किसी महिला के लिए मां बनना सबसे सुखद एहसास होता है पर इस दौरान उसे कई शारीरिक परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है.. खासकर प्रसव पीड़ा से गुजरकर ही एक औरत मां बनने का सुख हासिल कर पाती है। वैसे तो आजकल नॉर्मल डिलीवरी की अपेक्षा सिजेरियन का चलन चल पड़ा है .. जहां महिलाएं भी दर्द से बचने के लिए ये आसान तरीका अपना रही हैं वहीं अस्पताल वाले भी पैसों की लालच में सिजेरियन को बढ़ावा दे रही हैं जबकि सिजेरियन से हुई डिलीवर नॉर्मल की अपेक्षा मां और बच्चे दोनों के लिए नुकसानदायक होती है.. सिजेरियन के बाद जहां मां को कई सारे स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है वहीं बच्चे पर भी इसका दुष्प्रभाव पड़ता है। ऐसे में बेहतर यही कि कोशिश की जाए कि सिजेरियन की बजाए नॉर्मल डिलीवरी ही हो.. आज हम आपको इसके लिए कुछ आसान से टिप्स बताने जा रहे हैं..
स्वास्थ्य संबंधी रिसर्च में भी ये बात सामने आ चुकी है कि नॉर्मल डिलीवरी के बजाए सिजेरियन से जन्मे बच्चों में आगे चलकर कई समस्याएं देखने को मिलती हैं.. जैसे हाल ही में किए एक शोध की माने तो सिजेरियन से जन्मे बच्चों में मोटापे का खतरा अधिक होता है। वहीं ऑपरेशन महिला को उस वक्त तो दर्द से बचा लेता है, लेकिन बाद में जोड़ों में दर्द और पेट की तमाम परेशानियां दे जाता है साथ ही सिजेरियन के बाद महिला को पूर्णतया स्वस्थ होने में काफी वक्त लग जाता है। इसीलिए आज हम आपको ऐसे कुछ आसान टिप्स बता रहे हैं जिन्हें आप अपने रोज़ाना के कामों के साथ अपनाकर नॉर्मल डिलीवरी कर पाएंगी..
गर्भवती महिलाओं के लिए सबसे ज़रूरी है सही खानपान। प्रेग्नेंट महिला जितना पौष्टिक खाना खाएंगी, उतना ही उसका और उसके बच्चे का स्वास्थय बेहतर रहेगा पर साथ ही इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि इस दौरान आप बहुत ज्यादे ओवरइटिंग भी ना करें, क्योंकि इससे आपका वज़न बढ़ सकता है और मोटापा से आपके नॉर्मल डिलवरी के चांसेस कम हो जाते हैं।
वैसे तो तनाव हर किसी के लिए हानिकार होता है पर खासकर गर्भवती महिला के लिए अधिक स्ट्रेस और टेँशन प्रेग्नन्सी में काम्प्लकेशन को बढ़ा देता है। जिसका प्रभाव प्रेग्नेंट महिला और उसके बच्चे की सेहत पर पड़ सकता है। इसलिए बेहतर यही है कि प्रेग्नेंसी के दौरान अगर आपको बेवजह तनाव महसूस हो रहा है तो आप किसी डॉक्टर से परामर्श ले लें और हर सम्भव तनाव मुक्त रहने का प्रयास करें।
वैसे तो गर्भावस्था में महिलाओं को आराम करने की सलाह दी जाती है पर इस दौरान थोडी सी कसरत से आपको काफी लाभ मिल सकता है। दरअसल नियमित व्यायाम करने से महिला चुस्त रहती है साथ ही उसमें प्रसव पीडा को बर्दाश करने की क्षमता भी बढ़ती है.. हल्की कसरत करने से जांघ की मांसपेशिया मजबूत होती है जिससे लेबर पेन से लड़ने में मदद मिलती है। लेकिन ये व्यायाम किसी विशेषज्ञ के दिशा निर्देश में ही करना चाहिए क्योंकि गलत तरीके से व्यायाम करने से महिला और उसके बच्चे की जान खतरे में पड़ सकती है।
बच्चे के विकास के लिए जहां पर्याप्त ऑक्सीजन बहुत जरूरी है वहीं ब्रिदिंग एक्सरसाइज़ प्रेग्नेंट महिला का तनाव भी कम होता है ऐसे में गर्भावस्था के दौरान प्राणायाम करना बेहद लाभदायक होता है। इससे प्रेग्नेंट लेडी को लेबर पेन के दौरान भी काफी राहत मिलती है।