लगातार 5 घंटे टीवी देखते हैं तो हो जाईये सावधान, इससे बाप बनने में आ सकती है दिक्कत-जानें कैसे?
पुराने समय में एंटरटेनमेंट के ज्यादा साधन नहीं थे इसीलिए लोग खेल कूद करके अपना समय व्यतीत करना बेहतर समझते थे. परंतु, समय के साथ साइंस ने इतनी तरक्की कर ली कि आज इंसान के पास समय बिताने को टेलीविज़न, मोबाइल फोन, कंप्यूटर, इंटरनेट जैसे साधन मौजूद हैं. अब लोग अकेले बैठे भी बोर नही हो सकते. क्यूंकि, उनके पास अपने टाइमपास के लिए हर सुख सुविधा मौजूद है. आज के इस समय में 75 फीसदी लोग अपना अकेलापन दूर करने के लिए टीवी देखते हैं. घर की स्त्रियाँ तो सारा दिन सास बहु के कार्यक्रमों से ही नहीं थकती. ऐसे में बहुत सारे मर्द भी टीवी पर फिल्में और क्रिकेट मैच देखना पसंद करते हैं. क्या आपने कभी सोचा है की टीवी आपकी संतान पैदा करने की शक्ति को कम कर सकता है? अगर नहीं तो ये ख़बर आपको चौंका कर रख देगी.
दरअसल, साइंस द्वारा की गयी एक रिसर्च में टीवी को लेकर कुछ ऐसे नतीजें सामने आये हैं, जो आप और हम कभी सपने में भी नहीं सोच सकते. इस बात से तो हम सभी वाकिफ हैं कि ज्यादा टीवी देखने से हमारी आँखों पर बुरा प्रभाव पड़ता है और आँखें खराब हो जाती हैं. इसके इलावा अधिक समय तक टीवी देखें से मोटापा भी बड़ता है. क्यूँ की घंटो बैठे रहने के कारण हमारे शरीर की सारी चर्बी जमा होनी शुरू हो जाती है और हमारी तोंद निकल आती है. इसके इलावा आपको ये जानकर हैरानी होगी कि लगातार पांच घंटे टीवी देखना आपके वंश को आगे बढने से भी रोक सकता है.
शोध में कहा गया है कि एक दिन में 5 घंटे से ज्यादा टीवी देखना पुरुषों में स्पर्म काउंट को तकरीबन 35 प्रतिशत तक कम कर देता है. इसके इलावा बहुत सारे लोग टीवी देखते समय फ़ास्ट फ़ूड और जंक फ़ूड खाना पसंद करते हैं जो कि उन्हें अधिक आलस्य प्रदान करता है. साइंस की रिसर्च के अनुसार आम लोगो के बदले अगर टीवी देखने वाले मर्दों की बात करें तो उनका स्पर्म काउंट नार्मल से 38 प्रतिशत कम बनता है. आरामदेह जीवनशैली के चलते कम मेहनत करने से हमारा स्पर्म काउंट बनना हो जाता है. इसका एक कारण घंटो टिक कर बैठे रहना भी हो सकता है.
दिल्ली के इंदिरा आईवीएफ हॉस्पिटल की विशेषज्ञ सागरिका अग्रवाल बताती हैं कि आरामदेह जीवनशैली या तो स्पर्म सेल्स की आकृति और गतिशीलता को प्रभावित करती है या फिर उन्हें खत्म कर देती है.इतना ही नहीं बल्कि, लगातार टीवी देखने से ना केवल स्पर्म काउंट कम होता है बल्कि, व्यक्ति की गतेशीलता और सांद्रता भी अधिक प्रभावित होती है. आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि इस शोध में 18 साल से लेकर 22 साल तक के युवको को शामिल किया गया था.
एक रिपोर्ट के अनुसार इस शोध में पाया गया कि टीवी देखते समय खाने वाले युवको का स्पर्म काउंट 37 Mn per mL होता है. जबकि, कम मात्रा में टीवी देखने वाले युवको का स्पर्म काउंट 52 Mn per mL होता है. हैदराबाद की आईवीएफ एक्सपर्ट स्वाती मोठे बताती हैं कि लगातार 15 घंटे तक शारीरिक रूप से सक्रिय रहने वाले लोगों में उन लोगों के मुकाबले स्पर्म काउंट तीन चौथाई ज्यादा पाया गया था जो शारीरिक रूप से बहुत ज्यादा सक्रिय नहीं थे. इसके इलावा हम आपको दें कि ये रिसर्च अमेरिकन जर्नल ऑफ एपिडेमियोलॉजी में शामिल की गई थी.