अगर पूजा के दौरान ख़राब निकलता है नारियल, तो भगवान आपको दे रहे हैं ये खास संकेत, जानिए क्या?
नारियल एक ऐसा फल है जिसका इस्तेमाल खाने के साथ-साथ पूजा-पाठ में भी किया जाता है. नारियल का इस्तेमाल हर शुभ कार्य में होता है. कहते हैं कि नारियल का इस्तेमाल करने से सारे काम शुभ तरीके से हो जाते हैं. मान्यता के अनुसार लोग नारियल को मां-लक्ष्मी का प्रतीक मानते हैं. यदि किसी पूजा में नारियल का इस्तेमाल न हो तो पूजा अधूरी मानी जाती है. लेकिन नारियल को ऊपर से देखने पर यह नहीं पता चल पाता कि नारियल अंदर से अच्छा है या खराब. पूजा के दौरान उसे तोड़ने पर ही लोगों को उसके अच्छा-ख़राब होने का पता चलता है. यदि नारियल ख़राब निकल जाता है तो लोग परेशान हो जाते हैं. वह इसे अशुभ समझने लगते हैं. उन्हें लगता है कि नारियल का ख़राब निकलना भगवान द्वारा दिया गया कोई अशुभ संकेत है.
लेकिन असलियत में ऐसा नहीं होता. दरअसल, पूजा में ख़राब नारियल निकलना शुभ होता है. यदि पूजा के दौरान आपका नारियल ख़राब निकल जाए तो इसका मतलब आपके साथ कोई शुभ घटना घटने वाली है. नारियल के ख़राब निकलने को अशुभ के साथ जोड़ कर देखना बिलकुल गलत है. कहते हैं कि यदि आपका पूजा वाला नारियल ख़राब निकल गया है तो इसका मतलब भगवान आपको कुछ शुभ संकेत दे रहे हैं. आज हम आपसे इन्हीं संकेतों के बारे में बात करेंगे.
हिंदू धर्म के अनुसार मान्यता है कि यदि पूजा के दौरान आपका नारियल ख़राब निकले तो इसका मतलब है कि भगवान ने आपका प्रसाद खुद ही स्वीकार कर लिया है और इस वजह से ही आपका नारियल तोड़ने पर सूखा निकला है. इसलिए यदि आगे से कभी आपका नारियल अंदर से सूखा निकल जाए तो परेशान होने की ज़रुरत नहीं है. समझ लीजिये कि भगवान ने आपका प्रसाद ग्रहण कर लिया है.
दूसरा संकेत यह भी माना जाता है कि ख़राब नारियल का निकलना मतलब जल्द ही आपकी मनोकामना पूरी होने वाली है. कहते हैं कि यदि पूजा वाला नारियल अंदर से सूखा निकल गया है तो जल्द ही आपकी कोई मनोकामना पूरी हो सकती है. इसलिए खराब नारियल निकलने पर निराश होने की बजाय उसे भगवान के आशीर्वाद के रूप में ग्रहण करें. इस समय भगवान को अपनी कोई अधूरी इच्छा बताने पर जल्द पूरी होती है.
अब आपके मन में सवाल आ रहा होगा कि यदि ख़राब नारियल को शुभ माना गया है तो ठीक नारियल का क्या? तो हम आपको बता दें कि पूजा का नारियल सही निकलने पर नारियल के प्रसाद को अपने पास नहीं रखना चाहिए. उसे लोगों में प्रसाद की तरह बांट देना चाहिए. ऐसा करने पर सभी को पूजा का फल मिल जाएगा.