विशेष

रिक्शे पर देखे गए सपने पुरे हुए कार से, इस बेटे ने किया ऐसा कमाल, जानकर हो जायेंगे हैरान

गया: सही कहा गया है कि उम्मीद और सच्चे इरादों के आगे पहाड़ भी झुक जाता है। इस कहावत को 17 सालों से रिक्शा चलाने वाले एक बाप के बेटे ने सच कर दिया है। यह कहानी रामचंद्र और शुभम की है। रामचंद्र पिछले 17 सालों से एक रिक्शा चालाक थे, लेकिन अब वह एक इंजिनियर के पिता बन चुके हैं। यह दोनों की मेहनत और जिद का ही नतीजा है कि आज दोनों ने अपनी किस्मत बदल दी। इस काम में उनकी मदद करने वाले कोई और नहीं बल्कि बिहार के पूर्व डीजीपी और मगध सुपर थर्टी के संस्थापक अभयानंद हैं।

अभयानंद की सुपर थर्टी के द्वारा 30 प्रतिभाशाली गरीब बच्चों को मुफ्त में आइआइटी और एनआइटी जैसे उच्च संस्थानों में प्रवेश के लिए तैयार किया जाता है। गया शहर में एक मोहल्ला है मखलौटगंज, जहाँ पिछले 17 सालों से एक किराये के माकन में एक परिवार रहता है। इस परिवार के मुखिया हैं रामचंद्र। रामचंद्र गया जिले के ही वजीरगंज के शंकर विगहा के रहने वाले हैं। रोजी-रोटी के जुगाड़ के लिए उन्हें अपना घर छोड़कर शहर आना पड़ा। शुरुआत में काम की तलाश की, लेकिन जब कुछ नहीं मिला तो रिक्शा चलाने लगे।

पिछले 17 सालों से लगातार रिक्शा चलाकर अपने परिवार का गुजारा कर रहे हैं। 2 कमरे का छोटा सा घर किराए पर लेकर अपना जीवन गुजार रहे थे। बड़ा बेटा शहर में नीम्बू बेचने का काम करता है। छोटा बेटा शुभम बचपन से ही पढ़ने में तेज था। पिता अपने सामर्थ्य के अनुसार पढ़ाते रहे। थोड़े पैसे के लिए उन्हें चिलचिलाती धूप में भी रिक्शे चलाने पड़ते थे। आज वही शुभम एनआइ टी से इंजीनियरिंग करके मारुती कंपनी में मैकनिकल इंजिनियर है। रिक्शे पर देखे जाने वाले सपने कार तक पहुँच गए हैं।

शुभम ने बताया कि उसने पहली से आठवीं तक की पढ़ाई राजकीय मध्य विद्यालय मुरारपुर से की। उसके बाद नवमीं और दसवीं टी मॉडल हाईस्कूल से करने के बाद इंटरमीडिएट की पढ़ाई गया कॉलेज गया। दसवीं बोर्ड में जिले में तीसरे स्थान पर रहे। कॉलेज मे पढ़ाई के दौरान ही मगध सुपर थर्टी में चयन हो गया। शुभम ने बताया कि छठी से आठवीं कक्षा की पढ़ाई के दौरान वह शाम के वक्त एक दवा दुकान में भी काम करता था। इसके बदले तीन सौ रुपये महीना मिलता था। वहीँ शुभम के पिता रामचंद्र कहते हैं, बेटे को अच्छी नौकरी मिल गई तो अब दिन भी बदलेंगे। मैं रिक्शा अभी भी चलाता हूं, धीरे-धीरे छोड़ दूंगा। शांति देवी कहती हैं, जैसे-तैसे जिंदगी कट रही थी। बेटे ने सपना पूरा कर दिया।

Back to top button
?>
https://bemfh.ulm.ac.id/id/ https://newstrend.news/swen/ https://rentohotels.com/ https://whlconsultants.com/ galaxy77bet
slot gacor slot demo
https://www.lifebeyondcertificate.com/wp-includes/200/ https://www.lifebeyondcertificate.com/wp-includes/scatter-hitam/
https://komunitas.bobotoh.id/wp-content/thailand/ https://komunitas.bobotoh.id/wp-content/dana/
https://heylink.me/marina77game/ https://heylink.me/oneplay77gala/ https://heylink.me/turbobet77login/ https://heylink.me/mustang77pro/ https://heylink.me/galaxy77betpro/ https://heylink.me/marvel77game/ https://heylink.me/taipan77login/ https://heylink.me/republik77alter/ https://heylink.me/binjaiplay77-login/ https://heylink.me/dutaslot77-loginn/ https://heylink.me/doremiplay77-login/ https://heylink.me/slotnesia77-loginn/ https://heylink.me/mandala77_login/ https://heylink.me/arenaslot77_login/ https://heylink.me/arenabet77-login/ https://heylink.me/Sultanbet77.daftar/ https://heylink.me/sultanplay77.login/ https://heylink.me/marina77game/ https://heylink.me/kotacuanplay/ https://heylink.me/play77betpro/ https://heylink.me/tokofun/ https://heylink.me/fun77betpro/ https://heylink.me/captain77warrior/ https://heylink.me/Jaguar77pro/ https://heylink.me/thebestmustang77/ https://heylink.me/tokoholyplay/ https://heylink.me/rukocuan/ https://heylink.me/indopedia77pro/ https://heylink.me/tokoindofun17/ https://heylink.me/sultanbet77gaming/ https://heylink.me/sultanplay77gaming/ https://heylink.me/oneplay77alternatif/ https://heylink.me/marina77maxwin/ https://heylink.me/play77alternatif/ https://heylink.me/cukongplay77gaming/ https://heylink.me/playwin77-/ https://lynk.id/play77new https://lynk.id/fun77new https://lynk.id/captain77 https://lynk.id/jaguar77new https://lynk.id/mustang77new https://lynk.id/indopedia77new misteritogel galaxy77bet galaxy77bet https://104.219.251.144/ https://www.incolur.cl/ galaxy77bet galaxy77bet https://galaxy77bet-jaya.com/ https://138.68.164.8/ https://137.184.36.152/ https://139.59.119.229/
https://www.nuovamazzucchelli.com/wp-content/thai/ https://www.nuovamazzucchelli.com/wp-content/xgacor/ https://www.mscba.org/hitam/ https://www.priboi.news/wp-includes/thailand/ https://www.tecnocontrol.cl/ https://www.quiporte.it/ https://www.mariscosgontelo.com/ https://presensi.upstegal.ac.id/ https://perpus.stik-sintcarolus.ac.id/ http://rengo921.lionfree.net/ https://www.desmaakvanitalie.nl/thailand/