वो बातें जिनके लिए याद रहेगा साल 2017
यूं तो हर साल आता और 365 दिन बाद चला जाता है, जो शायद एक इंसान के तौर पर दोबारा देखने को नहीं मिलता। ऐसा ही साल 2018 आ रहा है और 2017 जा रहा है। इसके साथ ही सदी भी वयस्क हो गई है। क्योंकि 21 सदी ने अपने 18 साल पूरे कर लिऐ है। आज जिक्र उस समय का जो समय की रेत पर पीछे छूट चुका है, लेकिन जिसका ज्रिक आने वाले समय तक होगा। क्योंकि हर दिन बीतने के साथ एक पन्ना इतिहास में दर्ज हो गया है।
बीजेपी की जीत और मोदी का जादू
साल 2017 में बीजेपी की 7 राज्यों में जीत वो राजनीतिक गाथा है जिसे युगों-युगों तक याद किया जाएगा। इस जीत में देश की सबसे ज्यादा विधानसभा सीटों वाला वो उत्तर प्रदेश भी है जिसका रास्ता दिल्ली तक जाता है। इस जीत में वो देव भूमि उत्तराखंड भी है जिसका आशीर्वाद अगर किसी को मिल जाए, तो उसे चिरनजीवी होने से कोई नहीं रोक सकता। इस जीत में पश्चिमी सभ्यता का प्रतीक गोवा, नॉर्थ ईस्ट का मणिपुर, हिमालय का हिम कहे जाने वाला हिमाचल प्रदेश भी है, इस जीत में वो गुजरात मॉडल भी है जिसके दम पर प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 में पूरा देश जीत लिया। असल 2017 में बीजेपी की जीत ने भारत में एक नए राजनीतिक युग का सूत्रपात कर दिया है।
राहुल गांधी के लिए भी साल यादगार
2017 का ये साल कांग्रेस भले ही अपनी हार के लिए याद ना करना चाहे लेकिन राहुल गांधी की ताजपोशी के लिए सदैव याद रहेगा। आखिरकार 16 दिसंबर को सोनिया गांधी ने राहुल गांधी को कांग्रेस की कमान सौंपकर उन्हे कांग्रेस का अध्यक्ष बना ही दिया। क्योंकि लंबे समय से कांग्रेस हाई कमान में ये मांग उठती रही थी कि राहुल के अध्यक्ष बनने से पार्टी मजूबत होगी। वो और बात है कि अध्यक्ष बनने के बाद भी राहुल गांधी कांग्रेस को गुजरात में जीत ना दिला सके। लेकिन गुजरात चुनाव राहुल की परिवक्त छवि के लिए हमेशा याद आएगा।
क्या 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला हुआ ही नहीं था?
एक लाख 76 हजार करोड़ कहां गायब हो गए कौन खा गया… 2017 इसके लिए भी खूब याद किया जाएगा। क्योंकि यूपीए-2 के दौरान जिसे विपक्षियों ने देश का सबसे बड़ा घोटाला बताया दरअसल वो हुआ ही नहीं, और अब 2 टूजी घोटाले के जितने भी आरोपी थे। उन सबको बरी कर दिया गया, ऐसे में एक सवाल पूरे देश के जहन में होगा, कि क्या 1 लाख 76 हजार करोड़ रूपये का ये घोटाला हुआ ही नहीं था। तो इन सवालों का कौन देगा जवाब?
राम-रहीम जैसे बाबाओं के लिए याद किया जाएगा साल
2017 का ये साल बाबाओं के गौरखधंधे और फर्जीवाड़े के लिए भी याद किया जाएगा… साल 2017 में बाबाओं के फर्जीबाड़े की जो तस्वीर हाल में सामने आई। वो देश की राजधानी दिल्ली से आई। ये हैं वीरेंद्र देव दीक्षित जो देश की राजधानी दिल्ली में औरतों को बंदी बनाकर रेप करता था। ये दिल्ली के रोहिणी इलाके के विजय विहार में अध्यात्मिक विश्वविद्धालय की आड़ में लड़कियों और महिलाओं को बंधक बनाकर रखता था फिर उनसे धर्म और अंध आस्था के नाम पर उनका यौन शौषण करता था।
इसके साथ ही राम रहीम अपने भक्तों की संख्या 5 करोड़ से ज्यादा होने का दावा करता रहा है, असल में इसने भक्तों की आड़ में अपने कुकर्मों से बचने के लिए गुड़ों की फौज तैयार कर रखी थी। जिसका ट्रेलर उस वक्त देखने को भी मिला जब पंचकूला की विशेष अदालत ने राम रहीम को 20 साल की सजा सुनाई तो बाबा के गुड़ों ने सड़कों पर खूब हुड़दंग मचाया। पल भर में लाखों करोड़ों की संपत्ति राख कर दी। आज राम रहीम जेल में है। इस लिस्ट में, आसाराम बापू, राधे मां, सचिदानंद गिरी, गुरमीत राम रहीम, ओम बाबा, निर्मल बाबा, भीमानंद महाराज, असीमानंद, बृहस्पति गिरि, नारायण साईं, रामपाल, स्वामी सचिदानंद सरस्वती, वीरेंद्र देव दीक्षित और साध्वी त्रिकाल भवंता का नाम है। जिनका अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने इन बाबाओं का सामाजिक बहिष्कार करने की अपील की है। क्योंकि इन बाबाओं ने धर्म और आस्था को ठेस पहुंचाई और समाज को कलंकित किया।