वैशाली: इस बात में कोई दो राय नहीं है कि हर मनुष्य की शौचालय पहली जरूरत है. पुराने समय में शौचालय नहीं होते थे जिसके कारण औरतों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. आज के इस नए समय में तकरीबन हर गांव के हर घर में शौचालय बन चुका है. क्या बता सकते हैं कि एक व्यक्ति को शौचालय कितने चाहिए? यानी एक आदमी के घर लगभग कितने शौचालय होने अनिवार्य हैं. अब आपका जवाब होगा एक या ज्यादा से ज्यादा दो शौचालय घर में होना अनिवार्य है. परंतु आज हम आपको एक ऐसे शख्स से मिलवाने जा रहे हैं जिसके घर में 42 शौचालय हैं. दरअसल यह मामला बिहार के एक शख्स का है जिसने सरकार से 42 शौचालयों के लिए अनुमति ले ली है. दरअसल यह पूरा मामला हाजीपुर सदर प्रखंड के चक कुंडा उर्फ़ मिल्की पंचायत के विष्णुपुर राम गांव का है. बहरहाल चलिए जानते हैं आखिर यह पूरा मामला क्या था…
आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि विष्णुपुर गांव में एक युवक ने अपने नाम से 42 अलग-अलग ID बनवा कर सरकार से शौचालय बनाने की अनुमति ली है. व्यक्ति के अनुसार उसने इस काम के लिए 3 लाख 49 हर 600 रुपए निवेश किए हैं. वहीं दूसरे व्यक्ति के नाम पर उसने 10 बार में 91 हजार 200 रुपए निकासी किए. जानकारी के अनुसार यह निवेश 2015 की फरवरी से लेकर जून माह के बीच हुआ था .
जब सरकार के पीएचडी अध्यक्ष और डीडीसी से इस बारे में सवाल पूछे गए तो उन्होंने चुप्पी ठान ली. लोगों के अनुसार यह मामला काफी पुराना हो चुका है वहीं ग्रामीण विकास के कुछ लोगों के अनुसार यह एक सॉफ्टवेयर की गलती. ग्रामीण विभाग ने जानकारी दी कि शायद इस सॉफ्टवेयर की गलती से एक ही व्यक्ति के नाम पर अलग-अलग ID नंबर बन चुके हैं. दरअसल भारतीय सरकार ने 2014 और 15 के दरमियान बड़े पैमाने पर शौचालयों का निर्माण करवाया था जिसके बाद कहीं चौंका देने वाले कांड सामने आए थे और अभी जिले की बची रिपोर्ट्स आना बाकी है.इस मामले में हैरानी की बात यह है कि एक ही दिन में अलग अलग ID से 37 बार रकम निवेश की गई जिसके बाद चुकंदर मिल्की के पंचायत सदस्य रोहित कुमार ने मामले की कार्रवाई के लिए मांग की है.
मिली जानकारी के अनुसार इन शौचालयों के निर्माण के लिए विष्णुपुर राम गांव के बहुत सारे लोगों से निकासी करवाई गई. जिसमें से हूई थी. योगेश्वर चौधरी के नाम पर 18 बार दस हजार रूपए, 8 बार 12 हजार और 16 बार 4600 रुपए निकासी किए गए थे. कुल मिलाकर इनके खाते से 349600 रुपए की बड़ी राशि निकासी की गई थी. वहीं दूसरी ओर विश्वेश्वर नामक युवक से भगवान राम के नाम पर 7 बार दस हजार रूपए और फिर एक दो बार 12 हजार से 4600 रुपए वसूले गए थे. कुल मिलाकर इनके खाते से 91200 रुपए वसूले किए गए थे.
पंचायत की मांग के बाद दस्तावेज बीबीसी के कार्यालय भिजवा दिए गए हैं. वहीं डीडीसी के अनुसार यह मामला काफी पुराना है इसलिए PHD से ही इसकी जानकारी मिल सकेगी और उसी से इस गड़बड़ी के बारे में पता चल पाएगा.