12 वर्षीय लड़की के संग शादी कर भागना चाहता था बुड्डा , अंजाम जानकर आप भी रह जाएंगे दंग!
मुरैना: अगर पुराने समय की बात करें तो भारत में लड़कियों की शादी छोटी सी उम्र में ही कर दी जाती थी. परंतु अब सरकार ने नाबालिक लड़कियों की शादी पर बैन लगा दिया है. इसके बावजूद भी लोग इस प्रथा को कैसे ना कैसे जारी रख रहे हैं. कुछ ऐसा ही मामला हाल ही में हमारे सामने आया है. जहां मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के एक गांव में 12 साल की लड़की से 51 साल का सरपंच शादी करने जा रहा था. दरअसल, यह मामला बहराल जागीर पंचायत के शादीशुदा सरपंच जगन्नाथ मावई का. आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि जगन्नाथ को उसके सरपंच पद से बर्खास्त कर दिया गया है. पैरोल चलिए जानते हैं आखिर ये पूरा मामला क्या था…
आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि गांव के सरपंच जगन्नाथ मावी ने 11 दिसंबर को 12 वर्षीय नाबालिग लड़की से शादी करने का फैसला किया था. इतना ही नहीं बल्कि सरपंच ने “बुड्ढी घोड़ी लाल लगाम” वाली कहावत को सच कर दिखाया था. अपनी बेटी समान बच्ची के साथ शादी करने के लिए सरपंच को जरा भी शर्म महसूस नहीं हुई. महावीर शादी को लेकर इतना उत्सुक था कि उसने दुल्हन को घर ले जाने के लिए हेलीकॉप्टर भी सोच रखा था. जानकारी के अनुसार जगन्नाथ ने जिले के कलेक्टर से हेलीकॉप्टर में दुल्हन लाने की अनुमति भी प्राप्त कर ली थी जिसके बाद गांव में हेलीपैड भी बन चुका था.
परंतु इसी भागदौड़ के दौरान एक ग्रामीण ने कलेक्टर से शिकायत की कि सरपंच नाबालिग लड़की से शादी कर रहा है जिसके बाद कलेक्टर कार्रवाई के लिए निकल पड़ा और जब उसको पता चला कि लड़की केवल 12 वर्षीय है तो उसने शादी को रुकवा दिया. मेरी जानकारी के अनुसार कलेक्टर भास्कर लक्षकार ने मोदी को 12 साल की लड़की से शादी करने के आरोप में सरपंच के पद से बर्खास्त कर दिया है. इसके साथ ही पंचायती राज अधिनियम 1993 की धारा 40 उस पर लगा दी गई है.
आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि जगन्नाथ ने कलेक्टर से खेरा हुसैनपुर और अपने गांव बहरारा में हेलीकॉप्टर उतारने की अनुमति ले ली थी परंतु एक ग्रामीण की शिकायत के बाद कलेक्टर ने तहसीलदार को 7 दिन के लिए भिजवा दिया. जब तहसीलदार को पता चला कि लड़की नाबालिक है तो उसने शादी को रुकवा रुकवा दिया.< इसके अलावा आपको यह जानकर हैरानी होगी कि दुल्हन बनने वाली 12 वर्षीय बच्ची ने साल 2010 में पहली कक्षा में दाखिला लिया था. जिसके कारण सिर्फ स्कूल के रजिस्टर में उसका जन्म 2005 में दर्ज है. जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन सोनिया मीणा ने बताया के जगन्नाथ मावई के विरुद्ध उन्होंने हिंदू विवाह और बाल विवाह के केस के तहत कार्रवाई शुरू कर दी है और साथ ही दोषी करार देते हुए सरपंच के पद से मावई को हटा दिया गया है. इसके साथ ही अब जगन्नाथ आने वाले 6 सालो तक सरपंच के चुनाव के लिए खड़ा नहीं हो सकता क्योंकि नाबालिग से बुजुर्ग की शादी करना सच में हमारे समाज के लिए एक गंभीर विषय है.