देखें वीडियो – आतंकी हाफिज सइद के बॉडीगार्ड कयूम ने उगले राज, बोला – ‘फौज ने दी मुझे ट्रेनिंग’
नई दिल्लीः जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में गिरफ्तार किए गए पाकिस्तानी आतंकी और हाफिज सईद के बॉडीगार्ड अब्दुल कयूम (Abdul Qayyum) ने पूछताछ में कबूला है कि उसने पाकिस्तान के मनशेरा में ट्रेनिंग ली थी।
एक न्यूज चैनल ने उसके पास एक वीडियो होने का दावा करते हुए कहा कि इसमें आतंकी कयूम साफ-साफ साफ-साफ कबूल किया है कि पाकिस्तान में उसे क्लाशनिकोव, एलएमजी जैसे हथियार चलाना सिखाया गया और यह पूरी ट्रेनिंग पाकिस्तानी फौज ने दी है। बता दें कि कयूम आतंकवादी सरगना हाफिज सईद का बॉडीगार्ड भी रह चुका है।
सूत्रों के मुताबिक अभी तक की पूछताछ में पता चला है कि कयूम ने लश्कर के लिए 50 लाख का चंदा इकक्ठा किया है।
कैसे आया पकड़ में Abdul Qayyum –
BSF माने के सीमा सुरक्षा बल जो कि भारतीय सेना का हिस्सा है। BSF ने अभी कश्मीर में घुसपैठ करते हुए आतंकी सरगना हाफिज सईद के बॉडीगार्ड अब्दुल कयूम (Abdul Qayyum) को गिरफ्तार किया है। ऐसा माना जा रहा है कि वो हाफिज को लेकर बहुत से राज खोलेगा और सेना की मदद करेगा।
सबसे खास बात यह है कि जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी और आसिया अंद्राबी का अब्दुल कयूम बड़ा फैन है। शुक्रवार को अखनूर से पकड़ा गया आतंकी अब्दुल कयूम आतंकी संगठन जमात उद दावा का प्रमुख और मुंबई हमलों के गुनहगार हाफिज सईद का बॉडीगार्ड है। कयूम 4 साल तक आतंकी हाफिज सईद की सुरक्षा की जिम्मेदारी उठाए हुए थे।
पाक के राज किये उजागर –
कयूम आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा से भी जुड़ा हुआ है। वह पाकिस्तान के सियालकोट का रहने वाला है। मैंने पाकिस्तान के मनशेरा में ट्रेनिंग ली। यहां कराकरम होटल है, इस होटल के पीछ अबु हरारा मरकज है। मरकज से हमें फौजी गाडिय़ों से पहाडिय़ों के ऊपर लेकर गए। यहां मेरा नाम अबु बकर मरकज रखा गया। वहां छोटी ट्रेनिंग देते हैं, कुरान की आयतें पढ़ाते हैं, फिर क्लाशिनोव, एलएमजी, एम-16 को चलाना सिखाते हैं। इस तरह से वहां हमें पांच-सात हथियारों की ट्रेनिंग दी गई। ये सब एक हफ्ते के अंदर हुआ। इसके बाद हमें उमर बिन खिताब अल मरकज इलाके में ले गए। उधर, हमको पहले घोड़ा बनाया गया, फिर शेर बनाया। जिन्होंने हमें ट्रेंड किया, मतलब सारे मामले, हमें शेर की तरह बना दिया गया। शेर जानवर होता है, मगर हम इंसान हैं, …तो हमें भी शेर बनने की ट्रेनिंग दी गई। एक हफ्ते के अंदर खिदमत की ट्रेनिंग दी जाती है।
उधर खिदमत करनी होती है, मतलब खाना खिलाना होता है दूसरों को। मकसद यही बताते थे कि भई, कश्मीर में जुल्म हो रहे हैं, कश्मीर में हिंदुस्तान काबिल है। बस कश्मीर की बात करते थे, सिर्फ कश्मीर की बात करते थे।
जानकारी के मुताबिक कयूम ने दौर-ए-आम और दौर-ए-खास के तहत ट्रेनिंग ली है। सीमा पर घुसपैठ के दौरान आतंकी कयूम फेंसिंग में उलझ गया था जिससे सायरन बज उठा और वह बीएसएफ द्वारा दबोच लिया था। हालांकि इस दौरान उसके 4 साथी भागने में कामयाब रहे।