जयराम ठाकुर होंगे हिमांचल के अगले मुख्यमंत्री, 27 दिसंबर को लेंगे मुख्यमंत्री पद की शपथ
नई दिल्ली: कुछ दिनों पहले ही हिमांचल विधानसभा चुनाव के नतीजे आये हैं। चुनाव में बीजेपी ने कांग्रेस को बुरी तरह से हराते हुए प्रचंड बहुमत हासिल किया। जीत के बाद यह तय नहीं हो पा रहा था कि हिमांचल का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, लेकिन हाईकमान ने जल्द ही जयराम ठाकुर के नाम पर सहमती बना ली। शिमला में केन्द्रीय पर्यवेक्षक नरेन्द्र तोमर और निर्मला सीतारमण की मौजूदगी में मंडी जिले के सिराज इलाके के विधायक जयराम ठाकुर को दल का नेता चुना गया है।
जयराम हिमांचल के अगले मुख्यमंत्री के तौर पर 27 दिसंबर को रिज मैदान में आयोजित किये जानें वाले समारोह में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। उस शपथ ग्रहण कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी, बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के साथ ही 18 राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे। जयराम ठाकुर के नाम की घोषणा होते ही प्रदेश में जश्न का माहौल शुरू हो गया। राज्य के अतिथिगृह में बीजेपी की बैठक का आयोजन किया गया था। बैठक में वरिष्ठ नेता जयराम ठाकुर को बीजेपी विधायक दल का नेता चुने जाने के प्रस्ताव पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने पेश किया।
स्वास्थ्य मंत्री जगत कुमार नड्डा और सांसद शांता कुमार ने इसका समर्थन किया। इस प्रस्ताव को बीजेपी के अन्य सभी विधायकों ने सर्वसम्मति से स्वीकार किया। नरेन्द्र तोमर ने विधायक दल की बैठक का संचालन किया। उन्होंने कहा कि बीजेपी संसदीय बोर्ड का निर्णय लेने के बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का निर्णय लेकर वह यहाँ आये हैं। मुख्यमंत्री के तौर पर नाम की घोषणा हो जाने के बाद प्रेम कुमार धूमल ने जयराम ठाकुर को हार पहनाकर बधाई दी। जयराम ठाकुर ने धूमल और शांता कुमार के पाँव छूकर उनसे आशीर्वाद लिया और हमेशा के लिए सहयोग की भी माँग की।
जैसे ही मुख्यमंत्री के तौर पर जयराम के नाम की घोषणा हुई अतिथिगृह के प्रांगण में ढ़ोल-नगाड़ों की आवाज पर कई लोग नाचने लगे। जगह-जगह मिठाइयाँ बांटी जाने लगी। राज्यपाल ने जयराम को सरकार बनाने का न्यौता भी दिया। मुख्यमंत्री की दौड़ में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा और पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल का भी नाम शामिल था। लेकिन केन्द्रीय नेतृत्व ने जयराम ठाकुर को विधायक दल का नेता चुना। नड्डा के अनुभव को देखते हुए बीजेपी उन्हें राज्य में भेजने के लिए सहमत नहीं थी। इसके अलावा पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल चुनाव हार चुके थे। इसलिए जयराम को ही चुना गया।