ढेरों फिल्मों में काम करने के बाद ये शक्स बिता रहा है ऐसी लाइफ, सनी देओल के साथ भी किया है काम
तरनतारन: बॉलीवुड में आए दिन कोई न कोई कलाकार इस इंडस्ट्री में शिरकत करता रहता है. ऐसे में आज हम आपको एक ऐसी ही हस्ती से मिलवाने जा रहे हैं, जो सनी देओल के साथ भी काम कर चुके हैं. दरअसल आज हम बात करने वाले हैं महाबीर भुल्लर की. महाबीर भुल्लर तरनतारन जिले के भुल्लर गाँव के रहने वाले हैं. आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि महाबीर सिंह भुल्लर अभी तक पंजाबी फिल्म बंबूकाट के महाराजा, रॉकी मेंटल के बॉक्सिंग कोच और पहलवान सिंह में गांव के मुखिया जैसे अहम किरदार निभा चुके हैं. इसके इलावा में अपनी शानदार पर्सनालिटी से सबके दिलों पर राज़ करने वाले महाबीर जब घर जाते हैं तो उनका गेटअप देख कोई भी चौंक जाए.
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि फिल्मों में पर्सनालिटी दिखाने वाले महाबीर सिंह अपने घर पर अक्सर सिर पर परना और पेंट की जगह चादर और शर्ट की जगह कुर्ता पहनते हैं. महाबीर सिंह एक किसान है इसलिए अक्सर वह लोगों को खेतों में काम करते हुए और पशु चराते हुए ही नजर आते हैं. जब मीडिया ने महाबीर भुल्लर से इस सादगी के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि उन्हें सादा जीवन जीने में ही मजा आता है. उसके इलावा महाबीर भुल्लर ने बताया कि उनके पिता भी एक किसान थे इसलिए उनके पास रही उनकी जमीनों की देखभाल करते हैं और फिल्मों के साथ साथ अपनी खेती के धंधे को भी जारी रखते हैं.
मिली जानकारी के अनुसार इन्होंने पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला से एम. ए. थिएटर यानी कि ड्रामा में की है और इसके साथ ही वह दिल्ली के नेशनल स्कूल से ड्रामे में डिप्लोमा कर चुके हैं. फिल्मों में छुट्टी मिलने के बाद जब भी वह फ्री होते हैं तो घर लौटकर एक देसी किसान के लुक को अपना लेते हैं.
इस खेती में उनका साथ उनके बेटा बेटी और पत्नी मनजीत कौर भी देते हैं. केवल इतना ही नहीं आजकल भुल्लर साहब घर बैठे बैठे हैं अपने डायलॉग रिकॉर्ड करके डायरेक्टर को भेज देते हैं. उन्होंने बताया कि इस काम में उनका बेटा मनिंदर प्रताप सिंह उनकी काफी सहायता करता है.
आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि भुल्लर साहब ने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद 1986 में वह मुंबई चले गए थे. इसके बाद उनकी पहली फिल्म नसीरुद्दीन शाह के साथ आई जिसका नाम “मिर्च-मसाला” था. इस फिल्म के बाद भुल्लर साहिब ने घायल, दामिनी, गीत, विष्णु देवा, बॉर्डर , शक्ति द पावर जैसी कई बड़ी फिल्मों में काम किया.
एक रिपोर्ट के अनुसार 1985 में उनके छोटे भाई की मौत के बाद उनको वापस अपने गांव लौटना पड़ा. इसके बाद उनका ध्यान फिल्मों की तरफ से हट गया और उन्होंने अमृतसर में अनीता महेंद्रा के ग्रुप के साथ कई प्ले में किरदार निभाए. इसके बाद उनके करियर में कोई रोक नहीं लगी पल के गाने पंजाबी फिल्मों में काम करना शुरु स्टार्ट कर दिया. सबसे पहले इन्होंने पंजाबी सीरियल सरदार सोही के आलना से दोबारा एक्टिंग की शुरुआत की. जिसके बाद उन्होंने कबड्डी वंस अगेन, अंधे घोड़े का दान , बंबूकाट, रॉकी मेंटल, पहलवान सिंह, उड़ता पंजाब जैसी कई फिल्मों में काम किया. फिलहाल उनकी हॉकी पर आधारित फिल्म की दो कुंडी आने वाली है जिसमें वह एक हाथी ओलंपियन की भूमिका निभा रहे हैं.