आज से शुरू हो रहा है मृत्यु पंचक, भूल कर भी न करें ये काम वर्ना हो सकते हैं बुरे परिणाम
हिन्दू धरम की मान्यता के अनुसार ग्रह और राशियों के बदलाव से आम इंसान की ज़िन्दगी काफी ज्यादा प्रभावित होती है. व्यक्ति के ग्रह और नक्षत्र ही उसके स्वभाव और बाकी गुणों को दर्शाते हैं. तो जैसे कि हम सब जानते ही हैं कि आज शनिवार का दिन है. शनिवार वाले दिन को बहुत सारे लोग अशुभ दिन भी मानते हैं. आज इस दिन के साथ साथ ही पंचक की भी शुरुआत हो रही है. पंचक को भी शनि से कहीं अधिक अशुभ माना जाता है. क्यूंकि, पंचक और शनिवार एक ही दिन एक साथ आ रहे हैं, इसलिए आज के दिन को मृत्यु पंचक भी माना जा रहा है. ऐसे में ऐसे बहुत सारे काम है जो हमे मृत्यु पंचक वाले दिन नहीं करने चाहिए, वरना उनसे हमे काफी हानि हो सकती है. आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि मृत्यु पंचक 23 दिसंबर शनिवार को शुरु हो रहा है जो कि 28 दिसंबर, गुरुवार को 1 बजकर 37 मिनट में समाप्त होगा.
पंचकधनिष्ठा नक्षत्र के तीसरे चरण से रेवती तक के नक्षत्रों को पंचक नक्षत्र कहा जाता है. आज धनिष्ठा नक्षत्र के साथ पंचक की शुरुआत हुआ है. पंचक इन 5 खास नक्षत्र में ही लगता है जो कि धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तरा भाद्रपद, पूर्वा भाद्रपद व रेवती नक्षत्र आते हैं जिसमें कोई भी शुभ काम करने की मनाही है. आज के इस आर्टिकल में हम आपको बतायेंगे कि पंचक कितने प्रकार के होते हैं और कोंसे पंचक से हम पर क्या क्या असर पड़ सकता है. और साथ ही हम आपको बतायेंगे कि इस मृत्यु पंचक में आपको किन किन कामो से परहेज़ रखने की जरूरत है…
जानिए पंचक के प्रकार-
रोग पंचक: रोग पंचक के नाम से ही ये साफ़ स्पष्ट होता है कि इस पंचक में इंसान को शारीरक और मानसिक तनाव यानी रोग और बीमारियाँ लग सकती हैं. इस बार रविवार वाले दिन रोग पंचक की शुरुआत होने वाले हैं. ऐसे में आपको इन पाँचों दिन ही शुभ कामो की शुरुआत करने से दूर रहना चाहिए. क्यूंकि, पंचक के अशुभ होने का प्रभाव आपके शुभ कार्य को अधिक प्रभावित करेगा.
राज पंचक: राज पंचक के नाम से ही ज़ाहिर है कि ये दिन राज योग दर्शाता है. यूँ कह लीजिये कि बाकी पंचकों के बदले राज पंचक को काफी शुभ माना जाता है. इस बार राज पंचक सोमवार को शुरू होने वाला है. ऐसे में सरकारी कार्यों में सफलता के योग बने रहेंगे.
अग्नि पंचक: अग्नि को सबसे अधिक शक्तिशाली माना जाता है. शायद इसीलिए इस पंचक का नामा अग्नि पंचक रखा गया है. इस बार अग्नि पंचक मंगलवार के दिन शुरू होगा. ऐसे में कोर्ट और कचेहरी से जुड़े विवाद सुलझने की सम्भावना बनी रहेगी. और साथ ही आप इस दिन में किसी भवन का निर्माण ना करें या कोई मशीनी औजार न खरीदें क्यूँ कि इस दिन में इन सब चीज़ों की शुरुआत काफी अशुभ मानी जाती है.
मृत्यु पंचक: मृत्यु पंचक शनिवार का दिन कहलाता है. शनिवार और पंचक दोनों मिल कर बुरे प्रभावों का कारण बनते हैं, शायद इसलिए इस दिन कोई भी शुभ कार्य करना मौत के समान खुद को कष्ट देने के बराबर है. शनिवार के पंचक में दुर्घटना और बीमारी का खतरा अधिक बन सकता है. इसलिए इस दिन आप ख़ास तौर पर सूचित रहें.
चोर पंचक: इस शुक्रवार को चोर पंचक की शुरुआत होने वाली है. कहा जाता है. कि शुक्रवार का पंचक चोर पंचक होता है इसलिए इस दिन किसी प्रकार की यात्रा करना हानिकारक हो सकता है. इसके इलावा आप किसी प्रकार का लें देन या नौकरी और व्यापर का शुभ कार्य इस दिन ना ही करें तो बेहतर है क्यूंकि, ऐसा करने से आपको धन की हानि होनी तह है.
इनके इलावा बुधवार और गुरुवार को होने वाला पंचक इतना घटक नहीं हिता. बहरहाल उपर दीये गये पांच कामों को त्याग कर आप इन दो दिनों में किसी भी प्रकार का शुभ कार्य बेझिजक कर सकते हैं, इससे आपको किसी प्रकार की हानि नहीं होगी.
पंचक में करें इन कामों से परहेज़-
- पंचक बुरे दिनों की शुरुआत को माना जाता है. ऐसे में चारपाई बनवाना सबसे अधिक नुकसानदेह माना जाता है.
- पंचक में घनिष्ट नक्षत्र के दौरान लकड़ी के काम अथवा लकड़ी इक्कट्ठा करना अशुभ माना जाता है. इससे आग लगने का खतरा बना रहता है.
- दक्षिण की दिशा को काल दिशा या यम दिशा या मौत की दिशा भी कहा जाता है. इसलिए पंचक के दौरान इस दिशा में यात्रा करना काफी बुरा साबित हो सकता है.
- पंचक के दिनों में आये रेवती नक्षत्र के समय के दौरान घर की छत का निर्माण करना अशुभ माना जाता है. इससे घर की सुख शांति कलेश में बदल जाती है.
- पंचकों में मुर्दे का देहसंस्कार किसी अच्छे पंडित से पूछ कर ही करना चाहिए. मुर्दे के साथ साथ आते के या कुश के बने पांच पुतलो का भी विधि के साथ संस्कार करना जरूरी है. नहीं तो मुर्दे की आत्मा को कभी शांति नहीं मिल पाती.