यहाँ 1 लाख रूपये में चल रहा था गौरखधंधा, जब रेड पड़ी तो चेहरे छिपा कर सबको भागना पड़ा
कानपुर(यूपी): भारत की युवा पीढ़ी पैसा कमाने के लालच में कईं प्रकार के गलत कामों में फंसती जा रही है. अभी हाल ही में कुछ ऐसा ही अजीबोगरीब मामला हमारे सामने आया है. जहाँ कानपुर के एक एजुकेशन सेंटर में एक युवक की शिकायत के बाद पुलिस ने छापेमारी की तो वहां उन्हें फेक डिग्री बनाकर बेचने वाले हाथ लग गये. पुलिस ने जब सेंटर के अंदर कदम रखे तो अंदर का मामला दंग कर देने वाला था. दरअसल, इस सेंटर में 9 लडकियाँ और तीन लड़के काम करते थे. वह लोगों को फर्जी डिग्री बना कर बेचते थे. केवल इतना ही नहीं बल्कि, ग्राहकों को फंसाने के लिए वह उन्हें मोबाइल से काल भी किया करते थे. इस छापेमारी के दौरान पुलिस को उस सेंटर से लेपटाप, प्रिंटर, फर्जी आईडी, मार्कशीट और डिग्रियां बरामद हुई. पुलिस के हाथ इस सेंटर का मुख्य आरोपी नहीं लग पाया है परंतु, उन्होंने मामले की छानबीन कर दी है.
आपकी जानकारी के लिए हम आपको बात दें कि ये मामला कानपूर के किदवई थाना क्षेत्र का है. यहां स्थित पेसिफिक सलूशन ऑफिस का ओनर कमल कुमार गुप्ता नौबस्ता के यशोदानगर में रहने वाला है. पुलिस को रिपोर्ट करवाने वाले युवक का नाम आनंद था. ड ने बताया कि उसकी मुलकात कमल कुमार गुप्ता से एक साल पहले मैक्सवेल एजुकेशन सेंटर पर हुई थी. वहां कमल कुमार ने उसको बताया कि उसको हर तरह की डिग्री दिलवा सकता है. ऐसे में उसने हर डिग्री का दाम का अलग अलग बताया.
कमल कुमार ने कहा कि उनके पास एमबीए की डिग्री के लिए 20 हजार, बीएससी की 30 हजार, पॉलिटेक्निक की डिग्री मात्र 60 हजार में मिलती है. आनंद ने रेलवे में नौकरी अप्लाई करने के लिए 12 हजार रूपये में उनसे डिग्री खरीद ली. परंतु, जब रेलवे विभाग ने उसकी डिग्री की वेरिफिकेशन करवाई तो वह फर्जी साबित हो गयी. जिसके बाद वह वापिस उस गोविन्दनगर क्षेत्र ऑफिस की तलाश में निकल पड़ा लेकिन अब वहां ऐसा कोई ऑफिस नहीं था.
पीड़ित युवक आनंद ने बताया कि उसकी फर्जी डिग्री आसाम की एक यूनिवर्सिटी की थी. जब उसने आरटीआई में अप्लाई किया तो वहा भी वह डिग्री फर्जी साबित हो गयी. जिसके बाद वह सन्न रह गया. आनंद ने जब उस फर्जी ऑफिस की तलाश शुरू की तो उसको भनक लग गयी कि अब वह ऑफिस किदवई में है. इसके बाद उसने पुलिस को रिपोर्ट दर्ज करवा दी. जब पुलिस ने वहां छापेमारी की तो वहां उन्हें कईं कर्मचारी फर्जी डिग्री बनाते हुए मिल गये.
पुलिस ने उसी ऑफिस में काम करे वाली एक लड़की से पूछताछ की तो उसने बताया कि उन सबको यहाँ केवल 5 हजार रूपये तनख्वाह मिलती है. इतने रुपयों में उन्हें केवल ग्राहकों को कॉल करके जानकारी देनी होती है कि वह घर बैठे बैठे ही किसी भी कोर्स की डिग्री प्राप्त कर सकते हैं. सीओ बाबुपुरवा अजीत कुमार रजत ने बताया कि इस छापेमारी के दौरान उन्हें 100 से भी अधिक फर्जी डिग्रीयां मिली हैं और उन्होंने इस दफ्तर के मुख्य आरोपी की तलाश शुरू कर दी है.