रोते हुए बच्चे की यह पेंटिंग है शापित, जिसनें भी लगायी घर में हुआ हादसे का शिकार
इस दुनिया में कई बार कुछ ऐसी चीजें घटित हो जाती है, जिनके ऊपर हैरानी होती है। अक्सर आपने लोगों को भूत-प्रेत, शाप, काले जादू के बारे में बात करते हुए सुना होगा, लेकिन यह सच होता है या नहीं, इसपर यकीन नहीं होता है। लेकिन कई बार कुछ ऐसी घटनाएँ होती हैं जो इसके ऊपर यकीन करने के लिए मजबूर कर देती है। आज हम आपको एक ऐसी ही शापित पेंटिंग की कहानी बताने जा रहे हैं। आप सोच भी नहीं सकते हैं कि कोई पेंटिंग कैसे इस कदर शापित हो सकती है कि जहाँ लगायी जाये, वहाँ तबाही मच जाये।
जी हाँ एक ऐसी पेंटिंग है, जो कहीं पर लगायी जाती है तो वहाँ आग लग जाती है और भयंकर तबाही मचती है। हालांकि आभी भी कई लोग इस बात पर आसानी से विश्वास नहीं करते हैं। विश्वास करना या ना करना आपके ऊपर है। हम तो केवल आपको इस पेंटिंग के बारे में बताने जा रहे हैं। अहम इसके जरिये किसी तरह के अन्धविश्वास को बढ़ावा भी नहीं दे रहे हैं। हम जिस चित्र के बारे में बात कर रहे हैं, वह किसी मामूली चित्रकार द्वारा बनाई हुई नहीं है। इस पेंटिंग को इटली में मशहूर चित्रकार जियोवनी ब्रागोलिन ने बनाई थी।
1985 में ब्रागोलिन ने एक रोते हुए बच्चे की तस्वीर बनाई थी, जिसका नाम था ‘द क्राइंग बॉय’। उन्होंने इस श्रृंखला के तहत बहुत सारी पेंटिंग्स बनाई थी। देखते ही देखते पूरी श्रृंखला प्रसिद्ध हो गयी। लेकिन द क्राइंग बॉय की पेंटिंग बहुत ज्यादा प्रसिद्ध हुई और इसकी 50000 प्रतियाँ बनाई गयी। शोहरत का दौर जल्दी ख़त्म हो गया, फिर शुरू हुआ बदनामी का सिलसिला। जिन लोगों ने इस पेंटिंग को अपने-अपने घरों में लगाया था, वहाँ हादसे होने लगे। हादसे के दौरान एक फायर फाइटर का भी बयान लिया गया।
फायर फाइटर का दावा था कि 15 घरों में आग लगने के बाद वह उन घरों में अपनी टीम के साथ गया। उन्होंने हर घर में वहीँ पेंटिंग लगी हुई देखी। उस फायर फाइटर का कहना था कि घर का सारा सामान जल गया होता था, लेकिन वह पेंटिंग सुरक्षित रह जाती थी। बार-बार इस तरह के हादसे सामने आने के बाद इस पेंटिंग को शापित मान लिया गया। इसके बाद लोगों ने इस पेंटिंग को अपने घरों में रखना बंद कर दिया। केवल यही नहीं एक अख़बार के कहने पर हैलोविन बोन फायर में इस पेंटिंग्स की हजारों प्रतियाँ लोगों ने जला दी। उसके बाद से ही हादसों में कमी आ गयी। तब से लोगों को यह विश्वास हो गया कि यह पेंटिंग शापित है। हालांकि अभी भी इस पेंटिंग की कुछ प्रतियाँ सुरक्षित रखी गयी हैं।