सर्दियों में मुंह से भाप क्यों निकलती है? वजह जानकर चौंक जाएंगे
सर्दी का मौसम अपने चरम पर है। सर्दी के मौसम में कई तरह की छोटी-मोटी बीमारियां होने का खतरा काफी बड़ जाता है। सर्दियों के मौसम में जुकाम-सर्दी होना आम है। वैसे तो सर्दियों के मौसम को सबसे अच्छा माना जाता है। क्योंकि, इन दिनों में हमें काफी अच्छा महसूस होता है। सर्दियों के मौसम में धुप सेंकने का अपना अलग ही मजा है। लेकिन, इन दिनों में लोगों को जुकाम-सर्दी होना सबसे आम बात है।
लेकिन, इन दिनों में एक बात शायद आप सभी ने गौर की होगी और शायद आपके मन में भी ये सवाल आया हो कि सर्दियों में मुंह से भाप क्यों निकलती है? तो आइये आपको बताते हैं कि आखिर सर्दियों के दिनों में ऐसा क्या हो जाता है कि सर्दियों में हमारे मुंह से भाप निकलने लगती है? सर्दियों में मुंह से भाप निकलते देख आपको मन में भी कभी न कभी ये सवाल जरुर आया होगा की आखिर सर्दियों के मौसम में ही ऐसा क्यों होता है। हो सकता है आप ये जानना चाहते हो कि गर्मियों के मौसम में मुंह से भाप क्यों नहीं निकलती है, यह केवल सर्दियों में ही क्यों होता है। तो आज हम आपके इन्हीं सवालों के जवाब देंगे।
आपने शायद इस बात पर ध्यान दिया हो या खुद भी ऐसा खेल खेला हो जब सर्दियों के दिनों में बच्चे अपने मुँह से भाप निकालने का खेल खेलते हैं। दरअसल, सर्दियों के दिनों में मुंह से भाप निकलने का सबसे बड़ा कारण सर्दियों में हमारे वातावरण का तापमान शरीर की तुलना में बहुत कम होना होता है। वातावरण का तापमान शरीर की तुलना में कम होने के कारण बाहरी वातावरण का तापमान औसत बिंदु से भी कम होता है।
यही वजह है कि बाहरी वातावरण में नमी की मात्रा अधिक होने के कारण जब हम मुँह से या नाक से हवा बाहर निकालते हैं तो शरीर से निकलने वाली हवा का तापमान अधिक व बाहरी वातावरण का तापमान कम होने के कारण यह संघनित हो जाती है और भाप का रूप ले लेती है। इसका दूसरा कारण सांस लेने की क्रिया के दौरान शरीर में कार्बन डाइऑक्साइड और पानी का बनता होता है। यह पानी जलवाष्प के रूप में हमारे फेफड़ों द्वारा वाष्पीकरण होकर मुंह या नाक से बाहर निकालता है। इसके अतिरिक्त सांस और पाचन के दौरान शरीर में बनने वाला जल और हमारे द्वारा पिया गया जल भी मूत्र व पसीने के अलावा वाष्पीकरण द्वारा भी बाहर आता है। यही कुछ कारण हैं जिनकी वजह से सर्दियों के दिनों में हमारे मुंह से भाप निकलता है।