यूपी: फिर सामने आया कैराना का ‘काला सच’, सही साबित हुआ ‘पलायन’
दिल्लीः राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने उत्तर प्रदेश के कैराना में हिंदुओं के पलायन के आरोपों को सही पाया है। आयोग ने कहा कि मुजफ्फरनगर दंगों के बाद कैराना की जनसंख्या का चरित्र बिल्कुल बदल गया है और मुस्लिम बहुसंख्यक हो गए हैं। हिंदू समुदाय की लड़कियों से छेड़खानी की बात पर भी एनएचआरसी ने मुहर लगा दी है। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि पलायन की वजह डर है। UP Kairana getaway
बता दें कि इसी साल जून में बीजेपी सांसद हुकुम सिंह ऐसे 346 लोगों की सूची जारी की थी जिन्होंने ‘एक समुदाय विशेष’ के उगाही करने और सुरक्षा खतरों की वजह से कैराना छोड़ा था। साथ ही इस मुद्दे को बीजेपी ने जोर-शोर से उठाया था। तब सपा सरकार ने इसे झुठ बताते हुए खारिज कर दिया है। लेकिन अब मानवाधिकार आयोग की मुहर लग जाने के बाद बीजेपी पश्चिम यूपी में चुनाव से पहले इस मुद्दें को फिर से उठा सकती है।
इस रिपोर्ट के मायने…फिर गरमाएगी सियासत –
कैराना से पलायन का मुद्दा भाजपा ने जोर-शोर से उठाया था। तब तो सपा सरकार ने इसे झूठ बता खारिज कर दिया था। लेकिन अब मानवाधिकार आयोग की मुहर लग जाने के बाद भाजपा पश्चिम यूपी में ध्रुवीकरण के लिए इसका जमकर इस्तेमाल कर सकती है।
दुराचार से लेकर वसूली के लिए हत्या तक सब कुछ हुआ –
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दुराचार व हत्या का आरोप
जांच टीम ने आयोग को सौंपी रिपोर्ट में बताया है कि यह मामला सही था। महिला का चार अप्रैल 2016 को कुर्बान, मोहसिन व अन्य ने अपहरण किया। पति ने पांच अप्रैल को कैराना थाने में रिपोर्ट दी लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं हुई, न ही महिला को तलाश किया। सात अप्रैल को मोबाई गांव में यमुना घाट पर महिला का शव मिला। इसके बाद पुलिस ने पांच अप्रैल की शिकायत पर अपहरण व हत्या की एफआईआर दर्ज की।
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लड़कियों पर फब्तियां
जांच टीम ने कहा कि विभिन्न मामलों में 24 चश्मदीदों ने बताया कि कैराना में बहुसंख्यक समुदाय के लड़के एक खास समुदाय की लड़कियों पर फब्तियां कसते हैं। इस नाते इन लड़कियों ने घर से बाहर निकलना कम कर दिया है।
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पलायन
टीम ने दावा किया है कि पलायन कर गए कई परिवारों ने अपराधों को अपने पलायन की एक वजह बताया।
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वसूली के लिए हत्या
टीम ने पुलिस रिकॉर्ड के आधार पर कहा कि मारे गए शंकर और राजेंद्र ने वसूली के लिए धमकी की शिकायत पुलिस से की थी। उन्होंने अपराधी तत्व मुकीम काला को आरोपी बताया था। चार अन्य कारोबारियों ने भी वसूली की शिकायत की थी। मुकीम काला पर विभिन्न अपराधों के 47 मामले दर्ज हैं।
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कैराना आ गए 25 से 30 हजार मुस्लिम
टीम ने कहा, 2013 में 25 से 30 हजार मुस्लिम नागरिक मुजफ्फरनगर से कैराना आ गए। इससे यहां की डेमोग्राफी बदल गई। मुस्लिम समुदाय बहुसंख्यक हो गया। टीम ने चश्मदीदों के हवाले से कहा कि 2013 के बाद कैराना की कानून व्यवस्था बिगड़ी है।