अध्यात्म

नवरात्रि: जड़ से खत्म हो जाएगा कोरोना, बस कलश स्थापित करते हुए बोल दें ये महामारी नाशक मंत्र

आज से नवरात्रि का पर्व शुरू हो गया है और नवरात्रि के दौरान आदि शक्ति की पूजा की जाती है। नवरात्रि शुरू होते ही बाजारों में खूब रौनक देखने को मिलती है और मंदिरों में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। लेकिन इस बार कोरोना वायरस के चलते नवरात्रि के पर्व की रौनक कम हो गई है और लोग घरों के अंदर ही रहकर ये पर्व मना रहे हैं। वहीं नवरात्रि की पूजा के दौरान लोग इस बार मां से ये पूजा जरूर करेंगे कि दुनिया से कोरोना वायरस खत्म हो जाएगा।

अक्सर नवरात्रि के पहले भक्त जरूर मंदिर जाया करते हैं और मां के दर्शन किया करते हैं। लेकिन इस बार कोरोना वायरस के कारण देश भर के सभी मंदिर बंद हो गए हैं। जिसके चलते लोग मंदिरों में जाकर मां के दर्शन नहीं कर पा रहे हैं। हालांकि घर पर रहकर भी आप नवरात्रि की पूजा सही से कर सकते हैं।

इस तरह से करें कलश की स्थापना

नवरात्रि के पहले दिन लोग पंडितों को बुलाकर कलश की स्थापना करवाते हैं। लेकिन इस बार कोरोना के चलते ये संभव नहीं है। हालांकि आप खुद से ही पूजा घर में कलश की स्थापना कर सकते हैं। तो आइए जाते हैं कि कलश की स्थापना किस तरह से करें और कलश स्थापना के लिए किन चीजों की आवश्यकता पड़ती है।

कलश स्थापना करने के लिए समाग्री –

  • नारियल
  • सुपारी
  • कलश
  • केले के पत्ते
  • जल और कुमकुम

इस तरह से करें कलश की स्थापना

कलश की स्थापना करने के लिए सबसे पहले चौकी को मंदिर में रख दें। इस चौकी के ऊपर लाल रंग का कपड़ा बिछा दें। इसके बाद इस कपड़े के ऊपर हल्दी की मदद से नवग्रह बना दें और इनके ऊपर सुपारी रख दें। अब एक कलश लें और उस कलश में जल भर दें। जल भरने के बाद कलश के ऊपर कलावा बाँध दें और आम के पत्ते डालकर उसपर नारियल रख दें। इस कलश को चौकी पर स्थापित कर दें।

कलश को चौकी पर रखते समय इस मंत्र को बोल दें। ये मंत्र महामारी को खत्म करने वाला मंत्र है। जो कि इस प्रकार है-

पहला मंत्र

महामारी से बचने को इस मंत्र से करें कलश स्थापना
“रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान्।
त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति॥”

अर्थ :- देवि! तुम प्रसन्न होने पर सब रोगों को नष्ट कर देती हो और कुपित होने पर मनोवाञ्छित सभी कामनाओं का नाश कर देती हो। जो लोग तुम्हारी शरण में जा चुके हैं, उन पर विपत्ति तो आती ही नहीं। तुम्हारी शरण में गये हुए मनुष्य दूसरों को शरण देनेवाले हो जाते हैं।

दूसरा मंत्र

ऊं ऐं ह्रीं क्लीं श्रीं चामुण्डायै विच्चे

दरअसल श्रीदुर्गा सप्तशती में महामारी की जिक्र किया गया है और मां दुर्गा की पूजा करने से महामारी का नाश हो जाता है। इसलिए नवरात्रि के पर्व के दौरान मां दुर्गा की पूजा करने से और इनसे जुड़े मंत्रों का जाप करने से महामारी को खत्म किया जा सकता है। मां के मंत्रों को पढ़ने के साथ ही आप नवरात्रि के नौ दिन देवी कवच, अर्गला स्तोत्र और कीलकम, सप्तश्लोकी दुर्गा का पाठ भी करें और मां से कामना करें कि कोरोना वायरस जड़ से खत्म हो जाए और दुनिया राहत की सांस ले पाए।

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