अध्यात्म

भगवान शंकर का यह तांडव स्टॉर्म कर सकता है आपके जीवन के सभी दुखों को दूर! : देखें विडियो

भगवान शंकर के क्रोध के बारे में तो जानते ही हैं आप, जब वह क्रोधित हो जाते हैं तो उन्हें कुछ भी दिखाई नहीं देता है। वह अपने क्रोध से पूरी श्रृष्टि को नष्ट कर सकते हैं। शिव तांडव स्त्रोत तो आपने सुना ही होगा। इसके बारे में एक बहुत ही प्राचीन कहानी प्रचलित है। कहा जाता है कि इसकी रचना लंकाधिपति रावण ने भगवान शिव को खुश करने और अपनी जान बचाने के लिए की थी।

रावण था भगवान शंकर का बहुत बड़ा भक्त:

दरअसल एक बार लंकाधिपति राक्षस राज रावण को अपने ऊपर घमंड हो गया और उसने भगवान शंकर को अपने पास ही रखना चाहा। इस वजह से वह कैलाश पर्वत को उठाकर लंका ले जाने लगा। आपको बता दें रावण भगवान शंकर का बहुत बड़ा भक्त था। इसी वजह से वह उन्हें खुद के पास रखना चाहता था। जब वह कैलाश पर्वत को उठाकर लंका ले जा रहा था, तब भगवान शंकर को रावण की यह बात अच्छी नहीं लगी।

रावण का अंतर्नाद ही बना शिव तांडव स्त्रोत:

भगवान शंकर को पता चल गया था कि रावण को अपनी शक्ति के ऊपर काफी घमंड हो गया है। इसीलिए भगवान शंकर ने रावण के हाथ को अपने अंगूठे से दबाया और रावण के हाथ से कैलाश पर्वत छूट गया और वही स्थित हो गया। रावण का हाथ जब भगवान शंकर ने दबाया तब वह दुःख से अंतर्नाद करने लगा। वह शंकर-शंकर अर्थात क्षमा करिए-क्षमा करिए चिल्लाने लगा और शिव की स्तुति करने लगा, जो बाद में शिव तांडव स्त्रोत के नाम से प्रसिद्ध हो गया।

रावण ने कर दी थी कुछ ही पलों में इसकी रचना:

आपको बता दें यह शिव तांडव स्त्रोत अत्यंत ही कठिन है, लेकिन इसे महान विद्वान रावण ने कुछ ही पलों में बना दिया था। हालांकि यह मंत्र कठिन है लेकिन मुश्किल नहीं है। इसके जाप और सुनने से इंसान के सभी दुखों का नाश हो जाता है।

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